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नवरात्र का दूसरा दिन : पीलीभीत के तकिया में है दतिया जैसी पीताम्बरा देवी शक्तिपीठ, सजीव दर्शन करके महंत बाबा सूरज गिरि जी व पुजारी आचार्य अंशुल शास्त्री जी से जानिए मंदिर का महत्व और पूजा विधान

पीलीभीत। नवरात्र के दूसरे दिन श्रद्धालु माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना कर रहे हैं।

मां की प्रार्थना (अचूकवाणी पुस्तक से)

व्रत रखकर घरों में पूजन करने के बाद मंदिरों में भी दर्शन पूजन का क्रम निरंतर चलता रहता है। आज हम आपको दर्शन करा रहे हैं माता बगलामुखी यानी पीतांबरा देवी के।

पूरनपुर के पास तकिया दीनारपुर में यह देश का 12वां और उत्तर प्रदेश का पहला पीतांबरा देवी मंदिर है।

लिंक पर क्लिक करके आप इस मंदिर में विराजमान माता पीताम्बरा देवी के सजीव दर्शन कर सकते हैं।

संस्थापक बाबा सूरज गिरी जी महाराज और पुजारी पंडित अंशुल शास्त्री आपको इस मंदिर की महत्ता एवं पूजा विधान के बारे में भी बताएंगे। रात में मंदिर की छटा कुुुछ ऐसी नजर आती है।

इस लिंक पर क्लिक करके करिए माता के सजीव दर्शन-

https://youtu.be/EhUhf0zP_9c

तकिया दीनारपुर में ही माता काली का मठ मंदिर स्थापित है। इस मंदिर की भी काफी

मान्यता है और दर्शन पूजन करने हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते रहते हैं। प्रतिदिन मेले जैसा माहौल रहता है। सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक बढ़ जाती है। यह स्थान एक सिद्ध स्थान बन गया है।

कवि व पत्रकार सतीश मिश्र “अचूक” की पुस्तक अचूकवाणी से

कई अन्य देवी देवताओं के मंदिर भी यहां पर हैं जिसमें भगवान शंकर देवालय एवं नागराज का प्राचीन मंदिर भी प्रमुख है। यह मंदिर पूरनपुर तहसील मुख्यालय से 5 से 6 किलोमीटर दूर है। मंदिर जाने के लिए आपको सवारी भी मिल जाएगी या आप अपने साधन से भी यहां पहुंच सकते हैं।

कवि व पत्रकार सतीश मिश्र की पुस्तक “मां की महिमा” का विमोचन करते महंत बाबा सूरज गिरि जी महाराज एवं साथ में हैं देवनागरी उत्थान परिषद के अध्यक्ष पंडित राम अवतार शर्मा जी।

कवि व पत्रकार सतीश मिश्र की आने वाली अचूक कुण्डलियां पुस्तक में मां का इस तरह किया गया है वर्णन-

पीले पट में सोहतीं, मां दतिया के बीच।
तकिया में भी रहीं हो, भक्तों के मन सींच।
भक्तों के मन सींच मुरादें क़रतीं पूरी।
कम कर दी है सूरज गिरि बाबा ने दूरी।
कष्ट सभी भक्तों के माता मन से लीले।
मंदिर, पंडित और चढ़ावा सब हैं पीले।।
इस लिंक से करें सजीव दर्शन-
इस लिंक से करें मातेश्वरी गूंगा देवी मंदिर
माती माफी के सजीव दर्शन-

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