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तेंदुए की घरों तक दस्तक, वनकर्मियों पर हमले का प्रयास
घुंघचाई। जंगल से निकलकर बाघ आबादी क्षेत्र में ग्रामीण के घर की पशुशाला में पहुंच गया और पालतू कुत्ते को अपना निवाला बना लिया। घटनाक्रम से खौफ खाए ग्रामीणों ने अन्य लोगों को सूचना देकर शोर-शराबा किया लेकिन काफी देर तक बाघ घर के आंगन में चहलकदमी करता रहा। इसी दौरान बीती रात बन चौकी पर बाघ ने वन कर्मियों पर हमला कर दिया जिन्होंने अपनी जान बमुश्किल बचाई लेकिन पालतू कुत्ते को बाघ उठाकर जंगल की ओर ले गया। घटनाक्रम से लोग काफी भयभीत हैं। मामले की सूचना विभाग के अलावा पुलिस को भी दी गई।
जनपद के जंगल टाइगर रिजर्व में चयनित कर लिए गए हैं लेकिन तार फेसिंग ना होने के कारण आए दिन बाघ जंगल से निकलकर पालतू जानवरों को अपना निवाला बना रहे हैं। लोहना निवासी हरपाल के घर लंबी दीवार लांघ कर बाघ ने पशुशाला में बंधे मवेशियों पर हमला कर दिया लेकिन पालतू कुत्ते के भौंकने पर उसे अपना निवाला बना लिया। परिजन शोर शराबा कर उसे भगाने का प्रयास करते रहे काफी प्रयास के बाद उसे भगाया जा सका। वही बीती रात दियूरिया वन चौकी पर देर शाम वन कर्मी अपना भोजन बना रहे थे तभी बाघ ने वहां पर दस्तक दे दी और चहल करने पर पालतू कुत्ते भोंकने लगे तो बाघ ने उन्हें पकड़कर अपना निवाला बना लिया। बताया जा रहा है कि बाघ ने हमला भी किया। इस दौरान अपने को सुरक्षित करने के लिए गेट लगाकर बमुश्किल अपनी जान को बचा सके। इस मामले में डिप्टी रेंजर दिनेश गिरी ने बताया कि घटनाक्रम में बाघ नहीं था लेपर्ड द्वारा यह कृत्य किया गया है। आबादी क्षेत्र में उसकी आमद ठीक नहीं है। वनकर्मियों को लगाकर के मानिटरिंग करवाई जा रही है वहीं आबादी क्षेत्र में बाघ या लेपर्ड पहुंचने से लोगों में दहशत देखी जा रही है।
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