वन विभाग ने 58 हेक्टेयर जमीन कराई कब्जामुक्त, दहाड़ा बुलडोजर
वन विभाग की 58 हेक्टेयर जमीन पर गरजा बुलडोजर
-फार्मर का 40 साल से था कब्जा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया गया बेदखल
-विरोध के बाबजूद कराया सीमांकन, आज भी चलेगी कार्रवाई
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पूरनपुर। वन विभाग की 58 हेक्टेयर जमीन पर 40 साल से काबिज फार्मर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वन विभाग और पुलिस ने बेदखल कर सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की तो किसान यूनियन के नेता और कब्जेदार के परिवार के लोग विरोध करने लगे लेकिन पुलिस और वन विभाग के आला अधिकारियों के कड़े रुख के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा। ऐसी कई जगह सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर फसल की जा रही हैं। जनपद के जंगल टाइगर रिजर्व में बदल गए जिससे जंगली औषधि और जंगली जानवरों का संरक्षण बेहतर तरीके से हो सके लेकिन लंबे अंतराल से वन विभाग के आला अधिकारियों के अलावा निचले स्तर के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जंगल की जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हैं जिन पर खेती किसानी की जा रही है।
बीते दिनों शाहजहांपुर जनपद से समायोजन में मिले जनपद पीलीभीत को नवदिया बंकी पीटीआर की भूमि का संरक्षण करने के लिए अधिकृत किया गया लेकिन यहां की 58 हेक्टेयर जमीन पर रतन सिंह व अन्य लोग कब्जा किए हुए थे। लोगों की मानें तो यह सब काम स्थानीय कर्मचारियों की शह पर जमकर फल फूल रहा था। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
लंबी चली कोर्ट की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा वन विभाग के पक्ष में फैसला आया। जिस पर वन विभाग की जमीन को कब्जामुक्त कराने के आदेश दे दिए गए।
जिस पर डीएफओ नवीन खंडेलवाल, बंडा थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह, चौकी प्रभारी घुंघचाई मंगल सिंह, दियूरिया रेंजर बीके गुप्ता, दिनेश गिरी सहित पुलिस और वन विभाग की टीम बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंची।
जिस पर किसान यूनियन के नेता जमीन को कब्जा मुक्त कराने का विरोध करने लगे लेकिन पुलिस और वन विभाग के कड़े रुख के कारण वे कुछ नहीं कर सके। खड़ी फसल पर विभाग द्वारा सीमांकन कर दिया गया। यह प्रक्रिया शनिवार को भी चलेगी।
रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी
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