
पूरनपुर-दियूरिया रोड पर घण्टों चहलकदमी करता रहा बाघ
घुंघचाई। बाघ ने जंगल से निकलकर रास्ते पर डेरा जमा दिया जिससे आवागमन काफी देर के लिए बंद हो गया। मामले की सूचना राहगीरों द्वारा वन विभाग के लोगों को दी गई। काफी शोर-शराबा करने के बावजूद बाघ नहीं हटा और अपनी मर्जी से पक्के रास्ते पर चहल कदमी करता रहा। उसके हटने के बाद ही रास्ता शुरू हो सका। जनपद के जंगल टाइगर रिजर्व में चयनित हैं जिससे यहां के जंगली जंतुओं का संरक्षण भी बेहतर तरीके से होने लगा है लेकिन यह अगर आबादी क्षेत्र में विचरण करने लगे तो लोगों में दहशत हो जाती है। बुधवार को दियूरिया रेंज के जंगल से बाघ एक जगह पक्की सड़क पर चहलकदमी करने लगा और काफी देर तक सड़क पर ही डेरा डाल कर बैठ गया जिस से रास्ते से गुजरने वाले राहगीरों में दहशत फैल गई। एक तेज गति से आ रही बाइक बाघ के नजदीक पीछे से पहुंच गई लेकिन उसे बैठा देखकर उसके हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में अपने को बमुश्किल बचा कर बाइक घुमाकर उल्टे पांव भाग गया।
इस दौरान काफी संख्या में राहगीर एकत्र हो गए और बंद गाड़ियों में बैठ कर आराम से उसे भगाने का प्रयास किया गया लेकिन बाघ नहीं हटा। मामले की सूचना वन विभाग के लोगों को दी गई लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही बाघ वहां से झाड़ियों में उतरकर जंगल की ओर चला गया। इस मामले में डिप्टी रेंजर दिनेश गिरी ने बताया कि जंगल का रास्ता है यदा-कदा जंगली जानवर पक्की सड़क पर आ जाते हैं लोगों को धीमी गति से चलना चाहिए।
रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी
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