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पलिया कोतवाली पुलिस के रवैये को क्या कहेंगे, डण्डाराज या फिर गुण्डाराज?

(लखीमपुर खीरी से निर्जेश मिश्र की रिपोर्ट)

लखीमपुर-खीरी। जिले में अधिकारियों के कुशल निर्देशन में जिले की पुलिस ने काम करने का तरीका अब बदल दिया है। पुलिस कर्मी अगर बिना मास्क के हैं और आपने मास्क न लगाने का वीडियो बनाया तो एकदम गुण्डागर्दी का प्रदर्शन करते हुए पलिया पुलिस आपका मोबाइल छीनकर तोड़ देगी। इसके अलावा आपने अगर कोतवाली में तहरीर दी तो बिना जांच कराए एक घण्टे में पलिया पुलिस लूट का मुकदमा दर्ज करेगी। छोटे दुकानदार ने अगर लॉकडाउन का उलंघन किया तो उसे हवालात के दर्शन कराए जाएंगे और अगर कसी शोरूम के मालिक ने लॉकडाउन का उलंघन किया तो खीरी जिले की पुलिस उससे कमाऊ पूत समझकर मीठी-मीठी बातें करेगी। अब हमारे देश के साथ-साथ जिले की पुलिस का भी रवैया बदल रहा है। अगर आपकी लूट की तहरीर कई दिनों से थानों में पड़ी हैं तो अब निराश होने की जरूरत नहीं है। अब जिले में एक घण्टे के अंदर लूट या अन्य किसी भी तहरीर पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। खासकर पलिया कोतवाली में और तत्काल आरोपियों को जेल भेज भी दिया जाएगा। अभी एक ताजा मामला प्रकाश में आया है। एक पत्रकार के साथ मारपीट कर सोने की चेन छीनने पर पलिया पुलिस पत्रकार के ही खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज देती है। जानकारी होने पत्रकार जब अपने साथी की मदद के लिए कोतवाली पहुंचते हैं तो कोतवाली का एसआई अनिल कुमार राजपूत पत्रकारों को थाने के लुटेरे बताता है। पत्रकारों के सामने ही एक पत्रकार पर दरोगा अनिल राजपूत ने डण्डे बरसाए। विरोध करने पर बेशर्मी की चादर ओढ़ते हुए दरोगा ने कहा कि सभी पत्रकार थाना लूटने आए थे। सीओ और एसपी से मामले की शिकायत करने के बाद भी कोतवाली में गुण्डागर्दी करने वाले दरोगा अनिल राजपूत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोतवाल सुनील कुमार सिंह को जब पत्रकारों ने दरोगा अनिल राजपूत की गुण्डागर्दी से अवगत कराया तो कोतवाल ने भी पत्रकार से अभद्रता के साथ बात की। जिम्मेदार अधिकारियों के इस रवैये से पत्रकारों में भारी रोष है। सभी पत्रकार डीजीपी और सीएम से मामले की शिकायत करेंगे।

बिना मास्क की वीडियो बनाने पर महिला सिपाही ने महिला पत्रकार का तोड़ा मोबाइल

पलियाकलां-खीरी। कोतवाली में दरोगा अनिल राजपूत द्वारा एक पत्रकार पर डण्डे बरसाने की सूचना मिलते ही तमाम पत्रकार कोतवाली पहुंच गये। इसी बीच महिला पत्रकार अनुष्का गुप्ता ने बिना मास्क लगाए खड़ी एक महिला सिपाही की वीडियो बनाते हुए पूंछा कि “आपका मास्क कहां है” तो झल्लाई महिला सिपाही ने अपने चेहरे पर मास्क लगाना जरूरी नहीं समझा, बल्कि महिला पत्रकार अनुष्का गुप्ता का मोबाइल छीनकर तोड़ डाला। सुने अनुष्का की बात-

इससे अन्य पत्रकार भी नाराज हो गये। इस वजह से प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने पत्रकार राज गुप्ता के खिलाफ लूट की धारा 392 की कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेज दिया, जबकि पत्रकार राज गुप्ता दो पक्षों के बीच हो रहे झगड़े में बीच बचाव करने पहुंचे थे। इस पर हमलावरों ने राज गुप्ता पर भी हमला किया और उनके गले में पड़ी सोने की चेन भी खींच ली। पीड़ित पत्रकार ने जब कोतवाली में तहरीर दी तो पुलिस ने उल्टा पत्रकार के खिलाफ ही धारा 392 के तहत कार्रवाई कर डाली। इतना ही नहीं पलिया नगर के एक वरिष्ठ पत्रकार जयकुमार गुप्ता के साथ भी कोतवाल सुनील कुमार सिंह ने अभद्रतापूर्वक बात की। इस मामले को लेकर सभी पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त है। लखीमपुर के अलावा अन्य जिलों के पत्रकारों ने भी इस मामले की कड़े शब्दों निंदा करते हुए डीजीपी से पलिया कोतवाली के पूरे स्टाफ को हटाकर दूसरा स्टाफ तैनात करने, प्रभारी निरीक्षक सुनिल कुमार सिंह, एसआई अनिल राजपूत व दीवान भरतलाल को बर्खास्त करने की मांग की है।

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