विचित्र की बाल कविता : “आओ बच्चो तुम्हें बताएं कैसे बनते हैं बादल”

बाल गीत

तुम्हें बताएं

आओ बच्चों तुम्हें बताएं
कैसे बनते हैं बादल
इंद्रधनुष कैसे बनता है
कैसे गिरता रिमझिम जल

गर्मी के मौसम में सूरज
पृथ्वी को गरमाता है
बनकर भाप नदी सर सागर
का पानी उड़ जाता है

वही भाप एकत्रित होकर
गोलों में बंट जाती है
धरती पर रहने वालों को
बादल सी दिखलाती है

ये बादल जब उड़ते उड़ते
शीतलता पा जाते हैं
जल की नन्हीं बूँदे बनकर
धरती पर आ जाते हैं

वर्षा के मौसम में सूरज
का प्रकाश धुंधलाता है
सतरंगी तब इंद्रधनुष
नीले नभ पर बन जाता है

बरखा की बूंदों में अपनी
मोहक छवि दिखलाता है
आसमान से गिरती जल की
बूंदों में मुस्काता है

कवि देव शर्मा “विचित्र” जी

रचनाकार-देवशर्मा विचित्र

एडवोकेट, पूरनपुर 262122

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