
सुगबुगाहट इधर भी : पूर्व मंत्री डॉक्टर विनोद तिवारी की नाराजगी की खबरें सोशल मीडिया पर हो रहीं वायरल, पांच साल से हैं उपेक्षित
पीलीभीत। जहां प्रदेश भर में भाजपा से सपा में नेताओं की भगदड़ की खबरें आ रही हैं वहीं पीलीभीत में भी दलबदल की सुगबुगाहट देखने को मिल रही है। पीलीभीत के प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी आज मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। दोनों मंत्रियों के अलावा कई विधायकों के भी सपा में जाने की खबरें उड़ रही हैं। इसी बीच पीलीभीत से भी एक नाम सामने आया है जो पूर्व मंत्री डॉ विनोद तिवारी का है। वे दल बदलेंगे इस बात की पुख्ता जानकारी तो नहीं है लेकिन सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों द्वारा फैलाई जा रही खबरों की सुगबुगाहट बता रही है कि वहां भी अंदरखाने कुछ ना कुछ चल रहा है। डॉक्टर विनोद तिवारी पिछले 5 वर्षों से भाजपा में पद प्रतिष्ठा के इंतजार में हैं परंतु उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है। ब्राह्मण वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए भाजपा ने शाहजहांपुर के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल करके कैबिनेट मंत्री बनाया परंतु विनोद तिवारी को सरकार या निगम तो दूर की बात पार्टी में भी कोई खास पद नहीं दिया। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बना कर यूं ही उन्हें घर बैठा रखा है। इसे उनके समर्थक नाराज हैं। अब जब भाजपा से सपा में भगदड़ मची है, चुनावी माहौल है तो उनके समर्थक भी सक्रिय हुए हैं और सोशल मीडिया पर तमाम मैसेज वायरल किए जा रहे हैं। इनकी सच्चाई क्या है, डॉक्टर तिवारी को इनकी भनक है भी या नहीं, क्या वे सचमुच दल बदलेंगे? इन सवालों के जबाब जानने के लिए डॉक्टर तिवारी से बात करने का प्रयास किया गया परंतु वे अस्पताल में थे इसलिए बात नहीं हो सकी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह मैसेज
बरेली मंडल के कद्दावर भाजपा नेता पूर्व मंत्री अपनी ही पार्टी मैं अनदेखी के चलते नाराज चल रहे हैं 2017 में बरखेड़ा से टिकट कटने के बाद लगातार भरपूर मेहनत के साथ भाजपा के साथ काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक कहीं समायोजित नहीं किया गया था जिसके कारण वह अपनी ही सरकार और संगठन से नाराज बताए जा रहे हैं जिनके इधर उधर जाने पर पार्टी को बहुत ही बड़ा नुकसान हो सकता है,,, शाहजहांपुर के लोकसभा प्रभारी बनाए जाने पर बरेली मंडल में सबसे अधिक वोटों से अरुण सागर को जीत दिलाने में सबसे अहम भूमिका उन्हीं की थी उसके बाद भी वह लगातार पार्टी व संगठन के लिए कार्य करते रहें। कई बार आश्वाशन सरकार वा संगठन की तरफ से दिया गया उसके बावजूद भी उनको कहीं भी समायोजित नहीं किया गया। जिसके कारण वह नाराज चल रहे हैं उनको ना एमएलसी बनाया गया और ना ही किसी निगम बोर्ड आयोग का चेयरमैन,,,,,,सिर्फ देते रहे दिलाशा,,,,,,
पार्टी इनको आखिर कब तक करती रहेगी अनदेखा,,,,,