योगी सरकार लटकाए थी पर किसान नेता वीएम सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया किसानों को 2750 करोड़ ब्याज देने का आदेश
यूपी के गन्ना किसानों को फौरन करें ब्याज के 2750 करोड़ का भुगतान : हाईकोर्ट
पूर्व विधायक वीएम सिंह की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने दिए आदेश
गन्ना आयुक्त से 23 माह बाद भी आदेश का अनुपालन ना होने पर जताई नाराजगी
5 अप्रैल को हाईकोर्ट में आदेश के अनुपालन होने का गन्ना आयुक्त दाखिल करें हलफनामा
पीलीभीत। करीब 23 माह बाद भी आदेश का अनुपालन ना होने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश के गन्ना आयुक्त पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पुनः चेतावनी के साथ कहा कि किसानों के पिछले तीन सत्रों के बकाया गन्ना भुगतान पर 2750 करोड़ के ब्याज की रकम को अदा करके 5 अप्रैल को उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने किसान मजदूर संगठन के संयोजक व पूर्व विधायक वीएम सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। अवमानना के मामले में राज्य सरकार के फंसने से उत्तर प्रदेश के चीनी मिल मालिकों में हड़कंप मच गया है।
दरअसल किसान मजदूर संगठन के संयोजक व पूर्व विधायक वीएम सिंह ने वर्ष 2017 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि जब सरकार अपने बकाया पर ब्याज की वसूली करती है तो फिर गन्ना किसानों को उनकी चीनी मिलों पर सालों रहने वाले बकाया भुगतान पर क्यों नहीं बैंक की दर से ब्याज मिलना चाहिए। इस याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 9 मार्च ‘ 2017 को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि किसानों को मय ब्याज के गन्ने का बकाया भुगतान किया जाए। इसके लिए चार माह का समय निर्धारित किया गया था।
किसान नेता वीएम सिंह ने 19 अप्रैल’18 को उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूस रेड्डी के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर कर अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय के 9 मार्च ‘ 2017 के आदेश का अब तक अनुपालन नहीं किया गया है। उत्तर प्रदेश के किसानों को उनके बकाया गन्ना भुगतान पर बनने वाले 2750 करोड़ रुपये के ब्याज की अदायगी नहीं की गई है। प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूस रेड्डी ने उच्च न्यायालय की जान-बूझकर अवमानना की है, लिहाजा उनको अदालत में तलब कर दण्डित किया जाए और किसानों को चीनी मिलों से ब्याज की रकम का भुगतान कराया जाए।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूस रेड्डी पर कड़ी नाराजगी जताई। आदेश दिया कि उच्च न्यायालय के 9 मार्च ‘ 2017 के आदेश का अनुपालन करके गन्ना आयुक्त 5 अप्रैल को अदालत में हलफनामा दाखिल करें। उच्च न्यायालय के सख्त रुख से चीनी मिल मालिकों में हड़कंप मच गया है, वहीं किसानों को बकाया पर ब्याज की रकम मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
(साभार-अमिताभ अगिनहोत्री जी, वरिष्ठ पत्रकार)
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें