बाघ हिरन तो दिखेंगे ही, पीटीआर में नाचता मिलेगा राष्ट्रीय पक्षी मोर

पीटीआर में बहुतायत में पाए जाते हैं मोर, बाघ की चहलकदमी पर मचाते हैं शोर

पूरनपुर। पहली नवंबर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए खुलने जा रहा है। पर्यटक इस बार बाघ और हिरण के साथ ही राष्ट्रीय पक्षी मोर के दीदार भी आसानी से कर सकेंगे। जंगल के मार्गो व चुनिंदा स्थानों पर मोर का शोर उन्हें सुनाई देगा। खास बात तो यह है कि जंगल में बाघ की चहल कदमी भांपकर मोर ही ऐसा पक्षी है जो तेजी से शोर मचाने लगता है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व नवीन पर्यटन सत्र के लिए लगभग तैयार है। जंगल के रास्तों को दुरुस्त कराया गया है। चूका पिकनिक स्पाट की हटों को नए लुक में तैयार किया जा रहा है। यहां रंग रोगन का कार्य अंतिम रूप में है। इसके साथ ही पर्यटन सत्र का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है। जंगल में आने वाले पर्यटकों को जहां बाघ, हिरन, चीतल से ही बारहसिंघा भालू आदि के दीदार जंगल सफारी के दौरान होंगे। वही राष्ट्रीय पक्षी मोर के दर्शन भी पर्यटक कर सकेंगे। पीलीभीत के जंगलों में मोर बहुतायत में पाया जाता है। अक्सर सफारी गाड़ियों के सामने मोर आ जाते हैं और उनका नृत्य पाठकों को देखने को मिल जाता है। माला के उप प्रभागीय वनाधिकारी उमेश चंद्र राय ने अपने मोबाइल कैमरे से जंगल में विचरण करते और नृत्य करते कई मोरों के फोटो भी संकलित किए हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर सफारी गाड़ियों के सामने भी राष्ट्रीय पक्षी विचरण करता मिल जाता है। कई बार मोर का नृत्य भी देखने को मिलता है।

जानकारों की मानें तो जंगल में बाघ की चहलकदमी पर मोर ही ऐसा पक्षी है जो शोर मचाकर सभी जीव जंतुओं को आगाह करता है। जंगल में जाने वाले लोग भी मोर की आवाज सुनकर ही जान जाते हैं कि आसपास ही वनराज मौजूद है। इस बार भी तैयार हो जाइए बाघ, हिरन आदि वन्य जीवों के साथ मोर का नृत्य देखने के लिए। 1 नवंबर के बाद आप कभी भी नहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर को आ सकते हैं। पीटीआर आपका स्वागत करने को तैयार है।

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