गुरु महिमा : “जिन चरणों की कृपा मात्र से सुलभ सदा सुरधाम है, परब्रह्म का बोध कराना जिनका गुरुतर काम है”
श्री गुरवे नमः- —————–
जिन चरणों की कृपा मात्र से सुलभ सदा सुरधाम है। परब्रह्म का बोध कराना जिनका गुरुतर काम है। बिन गुरु नहीं मिला करता है कभी ज्ञान का लेश भी। वन्दनीय उन गुरु चरणों में मेरा सतत प्रणाम है।।