कदम कदम पर किसानों को झेलनी पड़ रहीं दुश्वारियां : मंजीत सिंह
धान की फसल तैयार करने में पहले सूखे की मार झेली। फिर यूरिया खाद की किल्लत आ खड़ी हुई। उसके बाद लाल बालियो ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। दूसरी तरफ महंगा डीजल तथा टयूबलो के बिलों में बेतहाशा वृद्धि । जैसे-तैसे कर्ज लेकर धान की फसल तैयार की। अब बिक्री के समय लूट खसोट चरम पर है। न्यूनतम समर्थन मूल्य से 300-400 कम पर धान जिले के अधिकारी बिकवा रहे हैं ।अगर पराली जला दी तो कार्यवाही होगी । किसान तो चारों तरफ से मरा धरा है। ऊपर से सरकार आमदनी दुगनी करने की बात कहकर मुंह चिढ़ा रही है। सरकार किसान भाइयों के दुख दर्द कम नही कर सकती तो मजाक उड़ाने का उसे कोई हक नही है।
मंजीत सिंह, वरिष्ठ जिलाध्यक्ष भाकियू पीलीभीत
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