नई अफवाह ने की नींद हराम-रात को आया फोन-जग जाओ, सोते रहे तो पत्थर के बन जाओगे
पीलीभीत। कोरोना की दहशत के बीच अफवाहों का दौर लगातार जारी है। हरी चूड़ियां पहनने, मिट्टी के दीपक जलाने और कुएं में बाल्टी से पानी डालने जैसी अफवाहों के बीच एक नई अगवाह ने रात जन्म लिया। फोन आने लगे कि जल्दी से उठ कर बैठ जाओ सब को जगाओ वरना पत्थर के हो जाओगे। कहा गया कि नजीमाबाद के गांव में सोते रहे वो लोग पत्थर के हो गए। यह काल करीब 2:00 बजे रात में तब आया जब सभी गहरी नींद में थे। देखते ही देखते लोग इस अफवाह के चलते उठते रहे और अपने संबंधियों मित्रों व जानने वालों को फोन करके जगाते रहे। ऐसी अफवाहें कहां से जन्म ले रही है किसी को कुछ नहीं पता। जो सोते रहे वह इंसान ही है कोई पत्थर का नहीं बना परंतु ऐसी अफवाहों ने लोगों में एक डर जरूर पैदा किया।
अफवाह फैलाने वाले नही माने तो फोन व इंटरनेट बंद होने की आशंका
फोन व सोशल मीडिया के जरिए अफवाहें फैलने से लोगों ने तोबा नहीं की तो संभव है कि शासन-प्रशासन पूर्व की भांति फोन काल व इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दें। इसलिए लोगों को अभी से एहतियात बरतनी चाहिए और किसी भी तरह की अफवाहें ना फैलाएं। शासन प्रशासन को इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए अपना सकारात्मक सहयोग देना होगा।
देखिये डिप्टी आर एम ओ डॉ अविनाश झा की फेसबुक पोस्ट
मुंह अंधेरे कालोनी के एक कोने मे लोग इकठ्ठा हैं, घर के बाहर मिट्टी के दिए जला रहे हैं, “किरौना राक्षस “को घर से दूर भगाने के लिए। ये भी कहा जा रहा है कि न मिले तो आटा के दिए जलाइये।फोन करके पूछा जा रहा है कि जगे हुए हो न? जानते हो!, फलाना गांव मे जो लोग सोये, वो सब सोये ही रह गये, पत्थर के बन गये। जाहिर है खाली दिमाग शैतान का , उनका काम चालू है। अफवाहों का दौर जारी है। अंधविश्वासियों और धर्मभीरुओं की कमी नही है इस देश मे। पहले भी गणेश जी के मूर्ति को दूध पिला चुके हैं सब। और माहौल भी तो है इस अनदेखे अनजाने राक्षस से मौत के भय का। इसी भय और डर का लाभ उठाकर अफवाह फैलाने वाले सक्रिय हैं। ये लोग फोन और इंटरनेट भी बंद करवा कर छोड़ेंगे शायद! इन फालतू अफवाहों पर ध्यान न दे, अगर कोई अपना भी फोन करता है तो उसे कड़े से डांट दें।
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