हाफिज नूर अहमद अजहरी की पूरनपुर व पीलीभीत के मुस्लिम भाई और बहनों से अपील
कोरोना वायरस एक मूज़ी बीमारी है जिसकी ज़द में पूरी दुनिया है अभी तक मुल्क के कई शहर इस वबा के चपेट में थे हमारा पीलीभीत भी अछूता नही था हाँ मगर पीलीभीत का बड़ा सर्किल एरिया हमारा पूरनपुर इस खतरे से महफ़ूज़ था मगर अब इस वबा ने पूरनपुर को जकड़ लिया है ऐसे में प्रशासन का सख्त होना ज़रूरी है, हमे चाहिए कि जिलाधिकारी द्वारा दी गयी गाइडलाइन को फ़ॉलो करें,
इसलाम की तारीख़ अगर पढ़ेंगे तो आप बानिये इसलाम सरवरे आलम सल्लल्लाहुअलैहिवसल्लम के फरमान को समझेंगे कि 1400 साल पहले मोहसिने इंसानियत सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने ऐसी ही एक महामारी के दौरान फरमाया था कि जो जहां है वहीं रहे ना किसी के यहाँ जाए ना किसी को अपने घर बुलाये यहाँ तक की उस दौरान लोगों से मुलाक़ात के लिए भी मना कर दिया गया,
आज बाज़ार में मां और बहनों का जमाबड़ा देख कर हैरत में हूँ इतनी अपीलें और गुज़ारिशों के बा वुजूद हमारी बहने घरों से निकल कर बाज़ारों में बे खौफ़ होकर ईद की ख़रीदारियाँ कर रही हैं प्रशासन को चाहिए कि इस पर सख़्त रवैय्या अपनाए सोशल डिस्टेंसिंग का लिहाज़ दुकानदारों से लेकर खरीदार तक बिल्कुल नही कर रहे हैं, हमारा शहर महामारी के गहरे संकट में है तब बाज़ार खुलने पर पाबंदी लगाई जाए उलमा व इमामो को चाहिए कि मस्जिदों से ऐलान करें औरतों को बाज़ार जाने से रोकें ऐसे वक़्त में बिना भेदभाव मुल्क की सलामती के लिए हुकूमत के आदेशों का लिहाज़ रखें प्रशासन को चाहिए कि बाहर जो लोग फंसे हैं उन्हें वहीं राशन व दीगर रसद मुहैया कराए जो जहाँ है उसे वहीं रहने दिया जाए मशहूर कहावत है कि *”जान है तो जहान है”*
सरकार में बैठे हुए लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में टालमटोल ना करें मज़दूर गरीब व देश का कोई भी नागरिक भूका रहा तो इसका ज़िम्मेदार वह हर व्यक्ति होगा जो सरकार में किसी भी पद ब्राजमान है हज़रते मौला अली कहते हैं कि *कोई भूका अगर रोटी चोरी करता है तो उस चोरी के जुर्म में चोर के हाथ ना काटे जाएं बल्कि बादशाह के हाथ काटे जाएं* इस लिए हुकूमत के लोग अपनी ज़िम्मेदारी पर ध्यान दें किसी हाल में कोई भूका ना रहे,
*अपील*
पूरनपुर व अतराफ़ के लोग जिलाधिकारी महोदय की गाइडलाइन का बाखूबी पालन करें घर से ना निकलें डॉक्टर्स पुलिस वग़ैरह का सम्मान करें सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाने से पहले अपने माँ बाप भाई बहन औलाद के बारे में सोच लें कि बीमारी किसी को बता कर नही आती
अज़ क़लम
*नूर अहमद अज़हरी*
सुन्नी उलमा कौंसिल
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