माधोटांडा के पास बाघ का नया बसेरा, रात भर शिकार के पास जमाया डेरा, नहर रोड पर आवागमन रोका

रात भर शिकार के पास बैठा रहा बाघ, सुबह गन्ने में दुबका

-एहतियात की तौर पर वन विभाग की टीमें तैनात, नहर रोड पर आवागमन रोका

पूरनपुर/माधोटांडा। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही वन रेंज से निकले बाघ का नया ठिकाना देवीपुर माइनर के पास का इलाका बन गया है। माधोटांडा गांव के पास पिछले 36 घंटे से बाघ का बसेरा होने से लोग दहशत में हैं। बाघ रात भर शिकार के पास बैठा रहा और उसे नोच कर खाता रहा। सुबह दिन निकलने से पहले ही वह गन्ने के खेत में जाकर छुप गया। बाघ को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। इसको लेकर वन विभाग की टीम लगातार मानिटरिंग कर रही है और नहर रोड पर आवागमन फिलहाल बंद कर दिया गया है।
एक दिन पूर्व माधोटांडा गांव के पास जंगल से आए बाघ ने दो बछड़ों को मार गिराया था। अपनी आदत के अनुसार वार्ड शिकार को खाने दोबारा जाता है। इसी पर मुहर लगाते हुए बाघ ने गन्ने से निकलकर कई बार शिकार के पास जाने का प्रयास किया परंतु भारी भीड़ होने के कारण बाघ वहां तक नहीं पहुंच पाया। शाम को गांव के कुत्तों ने जब बाघ को चुनौती दी तो उसने कुत्तों की चुनौती स्वीकार करते हुए उनके पीछे दौड़ लगा दी और भागता हुआ शिकार के पास जा पहुंचा और रात भर वही बस जमा बैठा रहा। आज सुबह करीब 4 बजे वापस आकर बाघ गन्ने के खेत में छुप गया। कल से जारी बाघ की गतिविधियों को तमाम लोगों ने अपने मोबाइल फोन व कैमरा में कैद किया। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कल प्रशिक्षु आईएफएस विकास नायक, बराही रेंजर श्री गोयल व पूरनपुर सामाजिक वानिकी प्रभाग के रेंजर मोहम्मद अयूब मंसूरी टीम के साथ मौजूद रहे।

रात भर भी वन विभाग की टीम निगरानी करती रही। टाइगर तो गन्ने में चला गया परंतु कोहरा होने के कारण कोई अनहोनी घटना न हो जाए इसको लेकर नहर रोड पर आवागमन फिलहाल रोक दिया गया है। दोनों तरफ टीमें निगरानी में लगी हैं। एक दिन पूर्व अमरिया के एसडीएम चंद्रभान सिंह, बीडीओ सुनील जायसवाल, नीरज दुबे, तहसीलदार विजय त्रिवेदी, इंस्पेक्टर रामसेवक, जेई देवेंद्र सहित कई अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर टाइगर की लोकेशन देखी। टाइगर देखने के लिए आज भी भीड़ एकत्र है। जिसे काबू में करने में वन व पुलिस विभाग को दिक्कत आ रही है।

पर्यटकों के लिए रोमांचकारी होगे बाहर घूम रहे बाघ के दीदार

जंगल आने वाले पर्यटक बाघ के दीदार करने ही आते हैं परंतु बाघ ना मिलने पर निराश होते हैं और दुबारा नहीं आते। पीलीभीत टाइगर रिजर्व से बाहर दर्जनों बाघ घूम रहे हैं। ऐसे बाघों को पर्यटकों को दिखाकर उनमें रोमांच भरा जा सकता है। हालांकि सफारी पार्क की भांति पर्यटकों को पिंजरे वाली गाड़ी में घुमाना होगा ताकि उन्हें सुरक्षित रखा जा सके। स्थानीय अधिकारी इस पर गौर फरमाएं तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटक सफारी पार्क का आनंद ले सकेंगे और इस अनूठे प्रयोग से जंगल पर्यटन काफी अधिक बढ़ेगा।

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