धन वर्षा करेगी धनतेरस : बन रहा है गुरु-शुक्र पुष्य का महासंयोग

पीलीभीत। धनतेरस से भाईदूज तक आने वाले पंच दिवसीय दीपोत्सव की शुभारंभ 2 नवंबर से हो जाएगा। इसमें भी धनतेरस से दीपावली के तीन दिनों में लोग सुख-समृद्धि की कामना से मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करके आभूषणों, भूमि, संपत्ति, वाहन और अन्य भौतिक वस्तुओं की खरीदी करते हैं। खरीदारी में दीपावली से पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र का भी विशेष महत्व होता है। इस बार गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग दीपावली से छह दिन पहले बन रहा है।

जानिए पूजा विधि, महत्व और शुभ-मुहूर्त
पुष्य नक्षत्र गुरुवार 28 अक्टूबर को प्रात: 9.42 से प्रारंभ होकर 29 अक्टूबर 2021 को प्रात: 11.39 बजे तक रहेगा। इस प्रकार दो दिन गुरु पुष्य और शुक्र पुष्य का शुभ संयोग 25 घंटे 57 मिनट तक बन रहा है। पुष्य में खरीदारी करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि इस नक्षत्र में खरीदी गई वस्तुएं स्थायी रहती हैं। उनका कभी क्षय नहीं होता। पुष्य नक्षत्र के साथ इन दिनों में रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। 28 अक्टूबर को सर्वार्थसिद्धि योग प्रात: 6.33 बजे से 9.42 बजे तक रहेगा। रवियोग भी इसी समय तक रहेगा। सर्वार्थसिद्धि और रवियोग पुष्य नक्षत्र प्रारंभ होने के साथ ही समाप्त हो जाएंगे किंतु इनका फल पूरे दिन मिलेगा। इसलिए इस समयावधि में खरीदी शुभ और स्थायी रहेगी।
खरीदी के महामुहूर्त पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी के आभूषण, भूमि, संपत्ति, वाहन, भोग विलास की वस्तुएं आदि खरीदना अत्यंत शुभ होता है। इस नक्षत्र में नया व्यापार व्यवसाय प्रारंभ किया जा सकता है। इस दिन मंगल की तुला में उपस्थिति भी शुभ संयोग बना रही है जिसमें प्रॉपर्टी के सौदे करना अत्यंत लाभदायक होता है। इससे संपत्ति में वृद्धि होने लगती है।

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