कैमरा अंधा : खतरे में बंधा, जारी है 4 करोड़ ठिकाने लगाने का धन्धा
-4 करोड़ ठिकाने लगाने को शुरू हुआ मिलीभगत का धंधा -स्पर व परकोपाइन क्षतिग्रस्त, हल्की बरसात में हुआ कटान -मार्जिनल बांध के किनारे की मिट्टी उठाकर भर दिए कट्टे
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पूरनपुर। मार्जिनल बांध को बचाने के लिए पिछले वर्ष से अभी तक जो भी प्रयास किए गए वे ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुए हैं। अभी भी मार्जन बांध खतरे में है। इस बार 4 करोड़ की लागत से जो काम कराए गए हैं उन कार्यों से ही बांध को खतरा पैदा हो गया है। मार्जिनल बांध और नदी के बीच की मिट्टी उठाकर प्रयोग कर लिए जाने से समस्या पैदा हुई है। निगरानी के लिए लगाए गए कैमरे भी अधिकारियों को सही तस्वीर नहीं दिखा पा रहे हैं। यदि शारदा का जलस्तर बढ़ा तो सीधा प्रेशर इस बांध पर ही आएगा क्योंकि इसे बचाने के लिए बनाए गए स्पर व लगाई गई परकोपाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। शारदा नदी की बाढ़ से शारदा सागर जलाशय को सुरक्षित रखने के लिए मार्जिनल बांध का निर्माण कराया गया है। यह बांध शारदा सागर जलाशय व शारदा नदी के बीच की कड़ी के रूप में काम करता है। गत वर्ष नगरिया खुर्द में बांध का काफी हिस्सा कट गया था और इसे शारदा के तेज बहाव के सामने ठीक करने में विभागीय अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था परंतु इससे अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। इस बार बांध को बचाने के लिए 4 करोड़ की परियोजनाएं मंजूर की गईं जिससे स्पर बनाए गए हैं। उसमें मार्जनिल बांध के किनारे से ही मिट्टी उठाकर उसे कट्टों में भरवा दिया गया। इससे बंधा और अधिक कमजोर हो गया है। जो परकोपाइन मानकों को ताक पर रखकर लगाई गई हैं वह भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसके चलते बांध खतरे में है। अगर शारदा में जल व वेग बढ़ता है तो तेज बहाव से बांध कट जाएगा और इससे शारदा सागर जलाशय को भी खतरा पैदा हो जाएगा। हालांकि अभी भी पोकलैंड व जेसीबी मशीनों को लगाकर बांध के पास लीपापोती करने के प्रयास किए जा रहे हैं परंतु ऐसा लग रहा है कि बाढ़ आने से पहले तक यह काम पूरे नहीं हो पाएंगे। 2 टूक की टीम ने मौके पर जाकर जायजा लिया तो पता लगा कि बंधे का काफी हिस्सा हल्की बरसात में ही बह गया है। कच्चा बांध होने के कारण इसे सुरक्षित रखने में बाधा आ रही है। 4 करोड़ की लागत से जो काम कराए गए हैं उनमें सिर्फ खानापूरी नजर आ रही है। परकोपाइन व स्पर भी क्षतिग्रस्त नजर आए। इलाके के लोगों से बात की गई तो उनका कहना है कि करोड़ों रुपया यूं ही बर्बाद कर दिया गया है। आरोप यह भी है कि अधिकारी यदा-कदा ही साइट पर आते हैं और ठेकेदार व उनके मेट मनमाने ढंग से काम करा कर सरकार द्वारा अवमुक्त धन ठिकाने लगाने में जुटे हुए हैं। देखें किस तरह चल रहा काम-
विभाग ने निगरानी के लिए लगाए सीसीटीवी कैमरे
बाढ़ खंड द्वारा शारदा नदी व जलाशय के बीच स्थित बंधे को सुरक्षित रखने, बाढ़ व राहत कार्यो की निगरानी के लिए अलग-अलग स्थानों पर 4 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिन्हें विभाग द्वारा ऑनलाइन माध्यम से मुख्यालय के कम्प्यूटर से लिंक किया गया है। जो भी काम हुआ है इन कैमरों की निगरानी में ही हुआ है परंतु इसके बावजूद कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। इससे अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। लोग इन कैमरों को ही अंधा बताने लगे हैं।
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