दिवस था शेर का लेकिन घुंघचाई इलाके में दिखी बाघ की चहलकदमी, दहशत कायम

घुंघचाई। आज विश्व शेर दिवस था। अपने यहां शेर तो है नहीं परंतु बाघ बहतायत में हैं। एक बाघ टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर फिर से आबादी क्षेत्र में बाघ की आमद ने लोगों को दहशत में डाल दिया। मामले की भनक पर वन विभाग के लोग मौके पर पहुंचे और निगरानी शुरू की गई। बाघ जंगल में चला गया लेकिन फिर से दिन में चहलकदमी करता देखा गया जिससे लोग परेशान हैं। उनका मानना है कि भविष्य में कोई बड़ी घटना हो सकती है। माला रेंज के अंतर्गत घुंघचाई जंगल जो गढ़ा के नाम से जाना जाता है। जंगल से निकाल कर बाघ बीते कई दिनों से 13 मील पर अपना डेरा झाड़ियां में जमाये हुआ था। जिससे राहगीरों को आने-जाने में काफी समस्याएं हुईं थीं। सामाजिक वानिकी और वन विभाग के लोगों ने निगरानी कर बमुश्किल उसे जंगल की ओर खदेड़ा लेकिन बुधवार और गुरुवार को बाघ फिर से हरदोई ब्रांच नहर की पटरी पर देखा गया जिससे लोगों में दहशत फैल गई। श्रवण कुमार के खेत में बाघ टहलता हुआ देखा गया। किसान काफी परेशान होकर भाग गया। वहीं बाघ ने अभयपुर माधवपुर के बिल्ला सिंह के फॉर्म तक चहल कदमी की। बताया जा रहा है कि बाघ खेतों में मौजूद है जिससे आने जाने वाले राहगीरों के लिए मुसीबत का समय बना हुआ है। इस मामले में वन विभाग के कर्मचारी उसकी निगरानी में लगे हुए हैं। वन दारोगा प्रकाश वीर ने बताया कि मामले की जानकारी लगी है। लोगों को लगाया गया है जिससे कोई अनहोनी ना हो। फिलहाल टाइगर रिजर्व जंगल होने के बावजूद तार फेसिंग न होने से जंगली जंतु लोगों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। इस मामले को लेकर क्षेत्र के लोगों में आक्रोश देखा गया।

रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी।

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