एक गीत में मिलिए पीलीभीत के सभी कवियों से : “एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के”
समय समय पर सदा ज्ञान से खोले पृष्ठ अतीत के।
एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के।
इस लिंक से सुनिए पूरा गीत
https://youtu.be/fTLcYSk3LWg?si=mYU0ElQjm0rmN7-M
गुलरेज़,सुरूर,ज़फर,यूसुफ़,परवाज़,क़मर,शाकिब,शाया।
ताऊ,निशात,ज़ख्मी,कौसर,ध्वज किंकर,सहर का लहराया।
मुँहतोड़,मनुज,देवेंद्र,वज्र,पंथी सुदीप,रघुनाथ हुए।
गिरिजा शंकर,पंकज,रम्मन,वर्मा अरु काशीनाथ हुए।
बोल आजभी घोल रहे रस सेवक,पुष्प,अभीत के।
एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के।
राजेन्द्र भानु,पद्मा,मोहन,आल्हा श्री लाल हजारी थे।
थे तारानाथ,पथिक,दीक्षित, कवि मातादीन,दरवारी थे।
नेमत,राना,सागर,तनहा,अमिताभ,ज़िया,काविश,शैदा।
ईमान,नियाज़ी,शाद,नक्श,औ नाम फैज करते पैदा।
शशि,गौहर,अविनाश आधुनिक हुए पुरोधा गीत के।
एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के।
पुष्पेंद्र,शराफत,नगाइच,साहिल,मूरख,मंजुल,विचित्र।
आलोक,सतीश,अवतार,स्वप्न खींचे अलबेले शब्द चित्र।
हैं अंशुमालि,चंचल,प्रताप,वीरेंद्र प्रणव,पाण्डे कौशल।
हिंदीध्वज वाहक जगन्नाथ,अमिताभ,रचित के साथ विकल।
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बाबूराम रहे पथगामी सदा प्रीति की रीत के।
एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के।
रागिनी,अनीता,स्वाति,रश्मि,नीरू,रेनू,सुल्तान जहाँ।
एकता और सरगम छेड़े मीठी मुरली की तान यहाँ।
सिद्धार्थ,अरुण,किंकर,प्रियांशु, कुलदीप,उमेश,अमित,अंकुर।
अंकित,दिलीप,रजनीश,रज़ी,अमितामित औ मोहित के सुर।
खिला रही गुल नव पीढ़ी हैं छाए मुक्तक मीत के।
एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के।
गोविंद,नील रवि,निडर,पाल औ निरंजना,राजू,राजा।
आलोक,कृष्ण,दीपक,प्रयास,वैभव,दिनेश कवि हैं ताजा।
नित सृजन नवीन किये सबने सबने ऊंचे प्रतिमान गढ़े।
साहित्यिक पथ पर चले अडिग अनवरत लक्ष्य की ओर बढ़े।
नीति नेह के मित्र और हैं हरपल शत्रु अनीत के।
एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के।
सिंह स्वभिमान निष्ठा प्रदीप,राजेश रमा सुषमा गीता।
नीता मस्तअल्प सुगंध सजग,गिरिजा संजीता संगीता।
माँ वाणी की संतान सभी,हैं कुशल सभी अपने फन में।
साहित्यिक ज्योति जगाते हैं,नित प्रति जन हित में जन जन में।
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साहस और पराक्रम से ही बनते वानक जीत के।
एक से बढ़कर एक हुए कवि शायर पीलीभीत के।
रचनाकार-
उमेश त्रिगुणायत अदभुत
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