जंगल के बीच बसकर भक्तों की मनोकामना पूरी कर रहे “बाबा जंगलीनाथ”, वीडियो देखकर करिए सजीव दर्शन
उत्तर प्रदेश कर्म के साथ ही धर्म को प्रधानता देने वाला प्रदेश भी है। यहां प्रत्येक जनपद में ऐसे धार्मिक स्थान हैं जिनकी दूर-दूर तक मान्यता है और श्रद्धालु यहां प्रतिदिन आकर नतमस्तक होते रहते हैं। लखीमपुर जिला भी धार्मिक स्थलों के मामले में काफी धनी है। इस जिले में 16 ऐसे शिवलिंग हैं जिनकी स्थापना द्वापर युग
में अज्ञातवास के दौरान खुद पांडवों ने की थी। टेढ़ेनाथ बाबा व जंगलीनाथ बाबा भी ऐसे स्थल हैं जहां पांडवों द्वारा स्थापित व
पूजित शिवलिंग हैं। मोहमदी (लखीमपुर) से कुछ दूर जंगल के बीच गोमती तट पर स्थित बाबा जंगली नाथ जी भक्तों की
हर मनोकामना पूरी करते हैं। जंगल के बीच बाबा गोमती तट से कुछ दूरी पर विराजमान हैं।
यहां जंगल में मंगल जैसा सुखद नजारा नजर आता है।
नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके वीडियो में कीजिए इस पवित्र स्थल के दर्शन-
इस स्थान की सबसे बड़ी खूबी यहां की साफ-सफाई है। पुजारी शिवनरायन सिंह व अन्य साधुु महात्मा तड़के उठकर खुद साफ सफाई करते हैं।
अपने भोजन प्रसाद की व्यवस्था भी उन्हें स्वयं ही परिश्रम सेे करनी पड़ती है। जंगली नाथ बाबा के मुख्य मंदिर के
अलावा कई अन्य मंदिर भी यहां हैं तो प्राचीन दुर्लभ पेड़ भी यहां की शोभा बढ़ाते हैं।
बाबा के दरबार में बिन मांगे मिल जाती है सुख शांति
सुख शांति की कामना के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन यहां पहुंचते हैं।
बाबा सभी की मनोकामना पूरी करते हैं। यहां प्रतिवर्ष विशाल यज्ञ होता है जिसके लिए सुंदर यज्ञशाला बनवाया गया है।
भंडारों का आयोजन भी निरंतर चलता रहता है। यहां रहने वाले करीब आधा दर्जन साधु-संतों के लिए पक्के भवन बने हुए हैं।
श्रद्धालुओं के भंडारा करने व निवास के लिए धर्मशाला भी बना हुआ है।
कुछ झोपड़ियां भी हैं। फूलों व फलों के पेड़ भी यहां काफी संख्या में हैं।
इस दिव्य स्थान पर आते ही आप स्वत: सुख शांति महसूस करने लगेंगे।
आस-पास भी है काफी कुछ खास, आइए और देखिये
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उपरोक्त लिंक पर क्लिक कर सुनें व देखें बाबा टेढ़ेनाथ जी की मान्यता
जंगली नाथ बाबा के के उत्तर में डेढ़- 2 किलोमीटर दूर सुप्रसिद्ध बाबा टेढ़े नाथ जी का मंदिर है तो दक्षिण तरफ बाबा गरीब नाथ का पत्थर निर्मित प्राचीन मंदिर है।
करीब आधा पौन किलोमीटर दूर पर गोमती मैया बह रही हैं। वह स्थान भी पास में ही है जहां भीम ने कीचक को मारा था। नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके जानिए पूरी कहानी-
बताते हैं कि इसी स्थान से कीचक को घसीटते हुए भीम ले गए थे।
उसकी नाली में यहां का विशाल वटवृक्ष उगा हुआ है।
टेढ़े नाथ से जंगली नाथ आने वाले श्रद्धालु उसी खाई से होकर गुजरते हैं जिसमें कीचक को पांडु पुत्र भीम द्वारा घसीटा गया था।
विवरण व वीडियो-
सतीश मिश्र पत्रकार संपादक, समाचार दर्शन 24 मोबाइल मो-9411978000
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