गीता का स्वर घनाक्षरी कर दिया आप ने सुनकर कविता बहिया की दिल लगे कापने। पूरनपुर को पूर्ण किया सर्वदा आपने छोड़े जो पदचिन्ह उन्हें हम जुटे मापने।। ------ सतीश मिश्र "अचूक"