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योग ध्यान केंद्र के मामले में सीएम ऑफिस ने डीएम से मांगी रिपोर्ट

ग्रीन बेल्ट में पेड़ों का अवैध कटान व निर्माण कराने का आरोप
– तत्कालीन डीएम की भूमिका की भी हो रही जांच

पीलीभीत। जिलाधिकारी की कोठी के बगल में ग्रीनलैंड पर अवैध रूप से ध्यान योग केंद्र स्थापित किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को मिली शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है।
गत 14 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत मिली थी कि जनपद पीलीभीत में जिला अधिकारी की कोठी से बिल्कुल सटी हुई ग्रीन बेल्ट की भूमि पर जमीन कारोबारियों ने बेशकीमती हरे भरे पेड़ों का अवैध कटान करके कथित तौर पर ध्यान योग केंद्र की स्थापना कर दी और धर्म व आस्था की आड़ में टनकपुर हाईवे से लेकर केंद्र के पीछे बनाई जाने वाली आलीशान कॉलोनी तक सड़क का निर्माण कर लिया जिसमें नजूल की भी काफी भूमि दबाकर मिला ली गई।ध्यान योग केंद्र की स्थापना के समय धार्मिक आयोजन में आरोप है कि तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ना सिर्फ मुख्य अतिथि रहे बल्कि पूरे कार्यक्रम में

शिरकत करके जमीन कारोबारियों को हर तरह का प्रशासनिक सहयोग दिया था। उनके सहयोग से ही नियमों को दरकिनार करके लकड़ी की बल्ली पर बिजली का मीटर लगाया गया। जेसीबी चलाकर हरे भरे पेड़ों का कटान होते हुए वन विभाग के अफसर चुपचाप देखते रहे। जमीन कारोबारियों ने गड्ढों के पटान के लिए अवैध रूप से मिट्टी लाकर खनन रॉयल्टी की भी चोरी कर राज्य सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने तत्कालीन जिलाधिकारी के विरुद्ध ग्रीन बेल्ट की भूमि पर अवैध कटान और अवैध निर्माण कराने के मामले में उनकी भूमिका की जांच कराने के मुख्यमंत्री सचिवालय के संयुक्त सचिव अरुण कुमार दुबे को आदेश दिए, जिस पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री सचिवालय ने जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव से रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल ने भी इस मामले में मिली शिकायत पर अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति) मुकुल सिंघल को पूरे मामले की जांच कराने के लिए कहा है।

रिपोर्ट-निर्मलकान्त शुक्ला

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