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प्रधान लोकेंद्र की मौत का मामला : पुलिस की कार्रवाई से भड़का संत समाज, किया प्रर्दशन

मुकदमा खत्म नहीं हुआ तो आंदोलन: सत्यगिरी महाराज

बिलसंडा। थाना क्षेत्र के गांव सिसैइया साहब के प्रधान लोकेंद्र यादव की मौत के प्रकरण में जाम लगाए बाले परिजनों और ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए पूर्व मंत्री एवं एक संत सहित 8 नामजद और 55 से 60 लोगों के अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर संत समाज में आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर भड़के लंगड़े बाबा देवस्थल के महंत नेतृत्व सतयगिरि महाराज के नेतृत्व में एकत्र तमाम संतो ने पुलिस की इस कार्रवाई का जोरदार विरोध किया है। विदित हो प्रधान लोकेंद्र यादव की 9 दिसंबर को शादी होने के बाद बराता दुल्हन के साथ 10 दिसंबर को वापस घर लौटी थी। इसी रात्रि 11बजे घर से बाहर अचानक गए लोकेंद्र का शव बिलसंडा कस्बे से 2 किलोमीटर दूर बिहारीपुर गांव में एक सुनसान जगह पर वृक्ष से लटका 2 दिन बाद बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस की जो पीएम रिपोर्ट प्राप्त हो हुई है उसमें मृत्यु का कारण हैंगिंग आया है, जबकि मृतक लोकेंद्र के परिजन एवं ग्रामीण लोकेंद्र की हत्या कर सब लटकाए जाने का आरोप लगाते हुए अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग करते हुए गौहनिया व बिलसंडा चौराहे पर जाम लगाकर बैठ गए थे। इस बीच भाजपा विधायक रामसरन वर्मा एवं सपा सरकार में मंत्री रहे पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा भी मौके पर पहुंच गए थे। दोनों नेताओं ने भीड को समझाकर शांत करने व जाम खुलबाने का प्रयास किया, परंतु भीड़ ने उनकी नहीं मानी और पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन और जाम बिलसंडा के बमरोली तिराहे पर जारी रखा। पुलिस ने सख्त एक्शन लेते हुए जाम लगा रहे लोगों पर जमकर लाठी चार्ज करके खदेड़ दिया। इस बीच पुलिस की पिटाई की कई महिलाएं और निर्दोष रहागीर भी शिकार हुए हैं, साथ ही वीडियो बना रहे हो कुछ पत्रकारों के मोबाइल भी कब्जे में ले लिए गए थे। पुलिस की लाठी चार्ज घटना को लेकर ग्रामीणों एवं पत्रकारों में आक्रोश है।वहीं पुलिस ने जाम लगाने के प्रकरण में पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा संत लंगड़े बाबा देव स्थल के प्रबंधक सत्य गिरी महाराज एवं पूर्व प्रधान नगरिया तिलागिर केके यादव सहित आठ लोगों को नामजद तथा 55 से 60 लोगों को अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है इस मामले में बाबा सत्य गिरी का कहना है वह रामपुर अमृत गांव से एक शिष्य के यहां से वापस लौट रहे थे तो इस बीच भीड़ को समझा कर जाम खुलवाने का भी उन्होंने प्रयास कर पुलिस का सहयोग करना चाहा था और पूर्व प्रधान केके यादव का भी कहना है, कि वह इस जाम में शामिल नहीं थे परंतु उनको नामजद कर दिया गया,जो सरासर अन्याय पूर्ण है। संत सत्यगिरी महाराज ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा पुलिस ने गलत तरीके से निर्दोष लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा है वही पत्रकारों के साथ भी अभद्रता की है योगी सरकार इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ है वह पुलिस की इस गुंडई को उच्च अधिकारियों के समक्ष रखेंगे उन्होंने कहां इस दर्ज मुकदमे को शीघ्र ही खत्म कर दिया जाना चाहिए, यदि ऐसा नहीं हुआ तो संत समाज पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठकर जबरदस्त आंदोलन करेगा। हालांकि पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश और बिलसंडा के थाना प्रभारी निरीक्षक विरजा राम पुलिस द्वारा लाठी चार्ज की कार्रवाई को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
रिपोर्ट-मुकेश सक्सेना एडवोकेट।

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