♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

नए साल के स्वागत को फुल हुआ चूका पिकनिक स्पॉट

चूका पिकनिक स्पॉट पर 25 फिट ऊँचे पेड़ों पर बनी ट्री हट

पीलीभीत : नए साल 2019 के स्वागत के लिए चूका पिकनिक स्पॉट की सभी हटें फुल हो गई हैं। पर्यटकों ने अग्रिम ऑनलाइन बुकिंग करा रखी है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के दूसरे खूबसूरत स्थलों के दीदार भी पर्यटक कर सकेंगे। करीब एक दशक पूर्व महोफ रेंज में वनविभाग ने चूका पिकनिक स्पाट बनाया था जो पर्यटकों को खूब भा रहा है। चूका की ख़ूबसूरती पर्यटकों को पीटीआर खींच लाती है। इसके फुल होने पर पर्यटक शारदा सागर डैम की पोषक (फीडर नहर) की टेलफाल एवं नहरों के जंक्शन बाइफरकेशन का नजारा देख सकेंगे। डैम का किनारा लोगों के लिए सैरगाह बना हुआ है। डैम आउटलेट के पास का वाटरफाल काफी मनमोहक है। रोजाना जिला मुख्यालय, बरेली, लखीमपुर, शाहजहांपुर जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और पड़ोसी देश नेपाल से आने वाले पर्यटक खूबसूरत स्थानों का दीदार कर रहे हैं। बाइफरकेशन का नजारा लेने के साथ डैम देखना नही भूलते। यहां की बंगाली कालोनियों एवं थारू बस्ती में मौजूद कई तरह की संस्कृतियां भी पर्यटकों को लुभा रहीं हैं। चूका प्रभारी आरिफ जमाल के अनुसार जंगल भ्रमण पर काफी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक आ रहे हैं। चूका फुल चल रहा है। दिन में घूमने पर कोई पाबन्दी नही है।

साइफन व जंगल के गेस्ट हाउसों तक पहुंच सकेंगे पर्यटक

बाइफरकेशन से करीब डेढ़ किमी पूरब में जंगल के बीच स्थित साइफन की खूबसूरती भी दिखेगी। यहां खीरी ब्रांच नहर के नीचे से डैम की आउटलेट खारजा निकली है। इसके अलावा नवदिया कोठी, मुस्तफाबाद, बराही वन विश्राम गृह आदि गेस्ट हाउस लोगो की पसंद बने हुए हैं।

इनका भी लीजिए नजारा

– बाइफरकेशन में अंग्रेजों के जमाने का खूबसूरत गेस्ट हाउस एवं मनोहारी नहरों का जंक्शन

– प्रथम पंचवर्षीय योजना में निर्मित एशिया का सबसे बड़ा कच्चा डैम शारदा सागर जलाशय, लंबाई 22 किमी एवं चौड़ाई करीब 5 किमी।

– रमनगरा क्षेत्र में बसीं पश्चिम बंगाल की संस्कृति का एहसास करातीं बंगाली कालोनियां और नेपाल जैसी थारू बस्ती

– गोमती का माधोटांडा स्थित सुप्रसिद्ध उद्गम स्थल, फुलहर झील एवं बाबा दुर्गानाथ का मंदिर।

– चूका पोस्ट के पास डैम आउटलेट में वाटर फाल का अद्भुत नजारा।

– देश भर में मशहूर सेल्हा बाबा की सुप्रसिद्ध मजार, जहां मन्नत पूरी होने पर दी जाती है मुर्गो की कुर्बानी।

-अंग्रेजों के जमाने में बनी सात झाल यानी सप्त सरोवर भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000