दावा ऐसा बढ़ेगी काश्तकार की आय, लेकिन कोई योजना बजट सका ना लाय।

दावा ऐसा बढ़ेगी काश्तकार की आय।
लेकिन कोई योजना बजट सका ना लाय।।
बजट सका ना लाय, हवाई बातें सारी।
कोई योजना नहीं दर्द जो हरै हमारी।।
संसद कैंटीन से साहब खुलवाओ तुम ढावा।
पूरा मूल्य फसल का दे दो, पूरा होगा दावा।।
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सतीश मिश्र “अचूक” कवि/पत्रकार

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