
“जलते हो ज्यूँ जलते रहना, तुम अखंड के दीप। आप निरोगी, दीर्घायु बन जियो मित्र संदीप”
प्रिय संदीप खंडेलवाल को 43वें जन्मदिन की काव्यमयी शुभकामनाएं
पराश्रित से लेकिन तुम, जन जन का बने सहारा।
जनसेवा में आज कोई भी, सानी नहीं तुम्हारा।।
कभी कराते हो शादी, तो कभी करो भंडारा।
जन जन चेते, बचे जान, यह मिशन बहुत ही प्यारा।।
पल्स पोलियो में पिलवाते, लाइफ के 2 बूंद।
उन्हें जगा मतदान कराते, जो बैठे आंखें मूद।।
सर्दी-गर्मी जब आती है अपना वेग दिखाने।
प्याऊ सदा लगाते, आते आप अलाव जलाने।।
सुख दुख हो जनता का, बनते सबसे बड़े हितैषी।
इसी बात से जलने लगते, नेता, खास पड़ोंसी।।
मायासुत होकर माया का कभी न करते मोह।
नारायण-जगदीश कृपा से सबको लेते मोह।।
कृष्ण-कन्हैया की महिमा से करते अच्छे काम।
सीमाएं सब तोड़ चुके हो काफी ऊंचा नाम।।
जलते हो ज्यूँ जलते रहना, तुम अखंड के दीप।
सदा निरोगी, दीर्घायु बन जियो मित्र संदीप।।
है “सतीश” की यही कामना, करिए काम महान।
ज्ञान, बुद्धि, बल, धन मिले, बढ़े सर्वदा शान।

सतीश मिश्र “अचूक”
कवि/पत्रकार मो.9411978000
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