
यहां जान की बाजी लगाकर पढ़ने को मजबूर नौनिहाल
पूरनपुर: यहां बच्चे जान की बाजी लगाकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। बच्चों के सिर पर मौत का साया मंडराता रहता है इसके बावजूद विभाग चुप्पी साधे हुए हैं। ग्रामीणों के कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने इस ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया है। लापरवाही के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
सरकार शिक्षा के नाम पर प्रतिवर्ष अरबों रुपए का बजट जारी करती है। प्राइवेट स्कूलों में मानक तय करने वाला शिक्षा विभाग अपने ही बेसिक स्कूलों की बदहाली नहीं देख पा रहा है। कलीनगर तहसील क्षेत्र के बाईफरकेशन में स्थित सरकारी विद्यालय पिछले कई वर्षों से बदहाली के आंसू रो रहा है। जर्जर स्कूल की छत व खस्ताहाल बिल्डिंग से कभी भी बड़ा हादसा घट सकता है। क्षेत्र के लोगों ने इसको लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की लेकिन गहरी नींद में सोए शिक्षा विभाग की नींद नहीं टूटी। छत से मलवा नीचे अक्सर गिरता रहता है। विद्यालय में शिक्षक मजबूरी के चलते छात्र-छात्राएं को खस्ताहाल बिल्डिंग में ही शिक्षा देने को विवश है। विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
रिपोर्ट-शैलेन्द्र शर्मा व्यस्त
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