♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

मां की ममता से वंचित हुए बेटे की सदमे में हुई मौत, बच्चे हुए अनाथ, चंदे से हुई अंत्येष्टि

घुंघचाई। आप सब ने मां की ममता की कहानियां तो अक्सर सुनी ही होगी,जब पुत्र पुत्रियों के गम में मां ने जान दी होगी। लेकिन घुुघचाई के सिमरिया गांव में एक बेटा भी ऐसा निकला

मृतक मा

जिसकी मां की मौत के सदमे में मौत हो गई। दोनों का अंतिम संस्कार गमगीन माहौल में कर दिया गया। मृतक के बच्चे अनाथ हो गए क्योंकि उसकी पत्नी भी कुछ दिन पहले मर चुकी थी। यह मामला यहां खासा चर्चा में है। 

सदमे में मरा पुत्र

पूरनपुर कोतवाली के सिमरिया गाँव मे मलबे में दबकर वृद्धा की दर्दनाक मौत हो गई थी। शव को पीएम कराने के लिए लेकर गए पुत्र की भी सदमा बैठ जाने से मौत हो गई। मामले की सूचना गांव में जब पहुंची तो एक ही घर में अचानक दो मौतें हो जाने से सन्नाटा फैल गया। हर कोई संवेदना जताने के लिए उमड़ पड़ा। वहीं छोटे-छोटे बच्चों के सर से पिता और दादी का साया उठ जाने से उनके भरण पोषण को लेकर के समस्या आ खड़ी हुई है। प्रधान सहित कई लोगों ने मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

हाय गरीबी ! अंतिम संस्कार के लिए करना पड़ा चंदा

शव के अंतिम संस्कार के लिए गरीबी के कारण ग्रामीणों द्वारा चंदा किया गया। गमगीन माहौल में मां और पुत्र की अंत्येष्टि कर दी गई। सिमरिया गांव में शुक्रवार की रात कच्ची दीवार के मलबे में दबकर वृद्ध रामलली की मौत हो गई थी। मामले की सूचना पर पुलिस ने सबको पीएम के लिए भिजवाया था। मृतका के साथ उसका पुत्र रामकिशन भी साथ में था जिसकी हालत बिगड़ गई और जब तक उसे उपचार के लिए अस्पताल लेकर जाया गया उसकी सदमा बैठ जाने से मौत हो गई। मामले की जानकारी गांव में पहुंची तो हर कोई मृतक के घर संवेदना जताने के लिए पहुंच गया। इस दौरान एक ही घर में हादसे में दो मौतें हो जाने से लोग परेशान देखे गए। ग्रामीणों ने सहयोग कर मृतक के अंतिम संस्कार के लिए चंदा एकत्र किया और गमगीन माहौल में मां और बेटे की अंत्येष्टि की गई। 

पत्नी के बाद मां की मौत से बैठा सदमा, बच्चे हुए अनाथ

मृतक के बच्चे

वृद्धा रामलली की शुक्रवार को मौत हो गई थी। जिसके कारण उसका पुत्र रामकिशन काफी परेशान था क्योंकि राम किशन की पत्नी मीना देवी की कुछ माह पूर्व बीमारी के कारण मौत हो गई थी। जिससे उसके छोटे-छोटे बच्चे अनिकेत, रागिनी कांता प्रसाद व पूजा का लालन-पालन वृद्धा ही करती थी। उसकी मौत हो जाने से रामकिशन काफी परेशान था। इसी के चलते सदमा बैठ जाने के कारण उसकी भी मौत हो गई। 

देने वाले किसी को गरीबी न दे, ना दे इतनी दुश्वारियां

विपत्ति किसी पर इस तरह ना आए जिस तरह से मृतक रामकिशन और उसकी मां रामलली के परिवार के साथ हुआ ।घर में वैसे भी गरीबी के कारण बच्चों का लालन-पालन बमुश्किल महिला वृद्ध होने के बावजूद मेहनत मजदूरी करके कर रही थी। रामकिशन भी पत्नी के गम को भूल चुका था। लेकिन अब दोनों की मौत हो जाने के कारण छोटे-छोटे बच्चों के सर से दादी और पिता का साया हट गया अब उनका भरण पोषण कैसे होगा। वही मृतक की पुत्री पूजा की भी शादी कैसे होगी इसको लेकर के लोग परेशान दिखे। गरीबी का आलम यह था की मृतकों की अंत्येष्टि के लिए चंदा एकत्र कर अंतिम क्रिया की गई। लोगों की मांग है कि परिवार को प्रशासन द्वारा मुआवजा दिया जाए जिससे बच्चों का भरण पोषण हो सके। हर कोई ऐसी विपत्ति टूटने को लेकर के गमजदा था।

 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000