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पीलीभीत आइये नव वर्ष मनाने, पग पग पर है आपके लिए बहुत कुछ ख़ास

पीलीभीत : नए वर्ष का लुफ्त उठाने के लिए लोग लाखों रुपए खर्च करके नए वर्ष का आनंद उठाते हैं और अपने शहर से दूर किसी खास स्थान पर चले जाते हैं पर उन्हें उस स्थान पर नेचर का परिपूर्ण आनंद और लुत्फ नहीं मिल पाता है जो उन्हें मिलना चाहिए नव वर्ष का पहला सप्ताह है और कई परिवार बाहर घूमने का कार्यक्रम भी बना चुके हैं और बहुत से परिवार कहीं घूमने चले भी गए होंगे क्योंकि नया वर्ष का आनंद उठाने के लिए लोग पहले से ही घूमने फिरने का स्थान निश्चित कर लेते हैं और दूरदराज के मशहूर पिकनिक स्पॉट और ऐतिहासिक स्थल या धार्मिक स्थलों पर चले जाते हैं पर कुछ परिवार इसके विपरीत होते हैं जो छुट्टी की दिक्कत या किसी अन्य कारणों से एडवांस प्लानिंग नहीं कर सकते और ना ही उनका घूमने फिरने का कोई निश्चित स्थान पहले से तय हो पाता है तो ऐसे परिवार परेशान ना हो उनके लिए तो जनपद पीलीभीत ही बहुत कुछ खास है पीलीभीत जनपद में बहुत से ऐसे खूबसूरत धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल है जहां पर घूमकर वह परिवार नए वर्ष को खास बना सकते हैं हिमालय पर्वत की तलहटी में बसे खूबसूरत तराई का यह जनपद चारों और वनों से आच्छादित है और इन वनों में अकूत वन संपदा एवं वन्य जीव जंतु विचरण करते हैं जनपद के कई मार्ग जंगल के बीचों-बीच से गुजरते हैं जो अपने आप में ही मनमोहक लगते हैं
पीलीभीत टाइगर रिजर्व बन जाने के बाद पीलीभीत में स्थानीय स्तर के पर्यटकों के अलावा देश विदेश के पर्यटकों ने भी अपनी आमद दर्ज कराई आज स्थिति यह हो गई की पीलीभीत टाइगर रिजर्व के मशहूर चूका स्पॉट और वन क्षेत्र के सभी गेस्ट हाउस पूर्ण रुप से एडवांस बुक हो चुके हैं
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पहुंचने पर आपका यदि भाग्य साथ देता है तो हो सकता है कि आप को बाघ के दर्शन हो जाएं और यह वर्ष आपके लिए यादगार वर्ष साबित हो जाए जंगल सफारी करते समय आपको घास के मैदानों में या रोड पर हिरण कुलांचे मारकर आपके करीब से गुजर जाएगा तो सड़क पर आराम करता हुआ आपको अजगर के भी दर्शन हो सकते हैं शारदा सागर के जलाशय में सुबह की धूप का आनंद लेता हुआ मगरमच्छ भी दिख सकता है इसमें कोई संदेह नहीं तो शारदा सागर के डैम के साइबेरियन पक्षियों के झुंड कलरव करते हुए दिखाई दे जाएंगे जो आपकी मन की शांति को

और सुकून देंगे चारों ओर आपको बस प्रकृति की खूबसूरती ही नजर आएगी इस खूबसूरत पीलीभीत टाइगर रिजर्व सफारी में शारदा मुख्य कैनाल की धारा भी आपका मन मोह लेगी मोर मुर्गे और बंदर कदम कदम पर आपका स्वागत करते हुए नजर आएंगे मन को शांति प्रदान करने के लिये लखनऊ की शान बढ़ाने वाली मां आदि गंगा गोमती नदी का उद्गम स्थल की फुल हर झील के नजारे भी आपको अपनी ओर आकर्षित करने में कम साबित नहीं होंगे
यह है पीलीभीत के खूबसूरत मनोरम पिकनिक और धार्मिक स्पॉट

गोमती उद्गम तीर्थ माधोटांडा

लखनऊ की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली गोमती नदी का उद्गम स्थल जनपद पीलीभीत के माधो टाडा की फुलहर झील है इसका ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व है इस उद्गम स्थल के तट पर कई प्राचीन मंदिर एवं माधो टांडा के राज घराने की हुई सतियो के भी मंदिर है मां आदि गंगा गोमती के तट पर बाबा दुर्गा नाथ की समाधि एवं मंदिर बना हुआ है दुर्गा नाथ बाबा एक सिद्ध योगी थे उनको गंगा मैया द्वारा प्रतिदिन गंगा स्नान करने का वरदान प्राप्त था बाबा दुर्गा नाथ के तपो बल पर मां आदि गंगा गोमती प्रकट हुई थी पीलीभीत मुख्यालय से यह स्थान लगभग 38 किलोमीटर दूर है

मिनी गोवा यानी चूका पिकनिक स्पॉट

वन संपदा से परिपूर्ण पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ वन क्षेत्र मैं बना चूका स्पॉट लोगों की पहली पसंद होता जा रहा है हरे भरे जंगलों के बीच एक ओर 22 किलोमीटर शारदा सागर जलाशय का नीला स्वच्छ जल उसमे कल कल करते हुए साइबेरियन पछी लोगों का मन मोह लेते चूका स्पॉट पर

वॉटर हट, ट्री हट ,थारु हॉट, पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है इस स्थान पर पहुंचने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के निर्धारित मार्गो एवं उनके द्वारा संचालित किए जाने वाले वाहनों से ही जाया जा सकता हैं

पीटीआर के बीच कल कल करती नहरों का अद्भुत नजारा


चारों ओर बहने वाले नहरों के जाल को देखना ह तो बाइफर केशन
आ जये यहां पर चारो दिशाओं में नहरो का संचालन हो रहा है यूं तो पीलीभीत जनपद अपनी हरियाली और सुंदरता एवं पौराणिक स्थल नदी याद के लिए प्रसिद्ध है पीलीभीत टाइगर रिजर्व में खूबसूरत जंगल और उन में विचरण करते हुए जीव जंतु पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं तो दूसरी तरफ साल और सागौन के हरे भरे वृक्ष भी मन मोह लेते हैं माधौटांडा स्टेट के नजदीक बराही वन क्षेत्र में सन 1926 में अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के दौरान खूबसूरत जंगल के बीचो-बीच यहां के किसानों को उनकी फसलों की सिंचाई के लिए समुचित जल उपलब्ध कराने के लिए नहरो का जाल फैलाया और एक वीवीआई पी गेस्ट का निर्माण कराया ब्रिटिश काल के समय का बना हुआ है स्थल और उसके पड़ोस मे बना हुआ गेस्ट हाउस बरबस ही अपनी और आकर्षित कर लेता है

शारदा सागर जलाशय से उठती लहरों का नजारा

किसी सागर जैसा नजारा देखना है तो शारदा सागर डैम पर पहुंच जाए जहां पर आपको विदेशी परिंदे एवं धूप सकते मगरमच्छ के दर्शन हो सकते हैं और आपका मन 22 किलोमीटर लंबे और 5 किलोमीटर चौड़े प्रथम पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत बने शारदा सागर डैम को देखकर ख़ुशी से झूम पड़ेगा।

इसके अतिरिक्त सेला गांव पहुंच कर सुप्रसिद्ध सेल्हा बाबा की मजार के भी दर्शन कर सकते हैं और पड़ोस मैं ही बने सप्त सरोवर के भी दीदार कर सकते।

गौरी शंकर मंदिर

लगभग ढाई सौ बरस प्राचीन मंदिर मोहल्ला खकरा में देवहा और खकरा नदी के पास मौजूद है यहां प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन शिवरात्रि और सावन में मेला लगता है इस प्राचीन मंदिर का निर्माण रोहेल्ला सरदार हाफिज रहमत खा ने कराया था।

इन्हें भी देखिए जरूर

दरगाह हजरत शाहजी मियां(पीलीभीत)
शाही जामा मस्जिद(पीलीभीत)
राजा वेणु का किला(शाहगढ़,माधोटांडा, माती माफ़ी)
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा छेवी पातशाही (पीलीभीत)
इलाबांस का किला (मरौरी ,बिलसण्डा बीसलपुर)
मां बराही देवी मंदिर(माधौटांडा)
इकोहत्तरनाथ शिव मंदिर(पूरनपुर)
गोमती का त्रवेणी घाट घाटमपुर पूरनपुर
सिद्ध बाबा पीटीआर में माधोटांडा रोड

रिपोर्ट-कुँवर निर्भय सिंह
01 जनवरी 2019, 00:10 AM

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