संविदा बिजलीकर्मी से सिपाही ने की अभद्रता, विरोध में काटी पूरनपुर की बिजली, सिपाही लाइन हाजिर

सिपाही ने रात में लाइनमैन से की अभद्रता, विरोध में पूरे शहर की बिजली काटी, सिपाही लाइनहाजिर

-पूरनपुर में पुरानी स्टेट बैंक के साथ लाइन ठीक करने के समय की घटना, कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

-एसडीएम, सीओ और कोतवाल पहुँचे बिजलीघर, तक शुरू हो सकी बिजली

-जनता में आक्रोश, बिजली विभाग की मनमानी पर उठ रहे सवाल, एसडीओ व जेई पर मुकदमा दर्ज करने की उठ रही मांग

पूरनपुर। बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी के साथ रात में एक सिपाही ने अभद्रता कर दी इससे नाराज कर्मचारियों ने कोतवाली जाने के बजाय पूरे शहर की बिजली काट दी और बिजली घर में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। भीषण गर्मी में जनता परेशान हो गई और अधिकारियों से इस बाबत शिकायत की गईं एसडीएम, सीओ और कोतवाल बिजलीघर पहुंचे और कर्मचारियों से वार्ता की। सिपाही के लाइन हाजिर होने की सूचना के बाद पूरनपुर की बिजली शुरू की गई। बिजली विभाग की तानाशाही को लेकर जनता में भारी आक्रोश बना हुआ है। लोग जेई और एसडीओ पर रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं। बीती रात करीब 1:30 बजे पुरानी स्टेट बैंक के पास बिजली विभाग के 2 कर्मचारी खंभे पर चढ़कर लाइन ठीक कर रहे थे और दो कर्मचारी नीचे खड़े हुए थे। गेस्ट पर सिपाही सीरेंद्र व एक अन्य पहुंचे और कर्मचारियों

संविदाकर्मी प्रमोद

को रोककर उसे रात में मौजूद होने का कारण पूछा। आरोप है कि सिपाही की बात का कर्मचारियों ने कोई जवाब नहीं दिया और फोन पर बात करते रहे। इससे नाराज सिपाही ने कर्मचारी को हड़काया। इसी को लेकर सुबह एकत्र हुए बिजली विभाग के कर्मचारियों ने जेई की अगुवाई में बिजली घर से पूरे शहर की लाइन काट दी और धरना प्रदर्शन करने लगे। कर्मचारियों का आरोप था कि संविदा कर्मचारी प्रमोद के सिपाही ने 2 थप्पड़ भी मारे हैं। इस बात की शिकायत करने या तहरीर देने कोई भी बिजली कर्मचारी कोतवाली नहीं पहुंचा और शहर की बिजली काटने का अनैतिक काम किया। एसडीएम व सीओ को नगरवासियों ने मामले की जानकारी दी। इस पर एसडीएम चंद्रभान सिंह व सीओ कमल सिंह और कोतवाल केशव कुमार तिवारी बिजली घर पहुंचे और वार्ता की। जेई ने आरोप लगाया कि एसडीएम और कोतवाल उनका फोन नहीं उठा रहे थे। इसको लेकर ही बिजली लाइन काटी गई। बाद में अधिकारियों ने इस मामले की सूचना जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को दी। आरोपी सिपाही को पुलिस अधीक्षक ने तत्काल लाइन हाजिर करने का आदेश दिया। इसके बाद कर्मचारियों को मनाकर अधिकारियों ने बिजली शुरू कराई। इसको लेकर 4- 5 घंटे तक लोग खासे परेशान रहे।

यह कैसा कानून? थाने गए नहीं काट दी पूरे शहर की बिजली

लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है कि अगर सिपाही ने किसी बिजली कर्मचारी से अभद्रता की थी तो उनको थाने में जाकर सूचना देनी चाहिए थी। पूरे शहर की बिजली बंद करने का काम गलत है और इसको लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों पर भी रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए। 

तो क्या अपनी ड्यूटी छोड़ दे पुलिस, कर्मचारियों को बिजली विभाग दें आईकार्ड

कोतवाल केशव कुमार तिवारी ने बताया की सिपाही के टोकने पर करीब 10 मिनट तक कर्मचारी फोन पर लगा रहा इसी को लेकर सिपाही ने नाराजगी जताई थी। नगर में चोरी आदि की बढ़ती घटनाओं को लेकर पुलिस गश्त कर रही थी। उन्होंने कहा कि पुलिस की ड्यूटी में भी है अगर इस तरीके से व्यवधान किइस जाएगा तो अपराध और अधिक बढ़ जाएगा। उन्होंने बिजली विभाग के जेई के उस आरोप को भी मनगढ़ंत बताया कि उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। श्री तिवारी ने बताया कि कोई भी बिजली कर्मचारी लिखित या मौखिक शिकायत लेकर कोतवाली नहीं पहुंचा वरना सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाती। पुरे शहर की बिजली बंद करना भी जनहित का काम नहीं है और इस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। अगर कोई तहरीर देता है तो मुकदमा लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को अपने कर्मचारियों को आईकार्ड दिए जाने चाहिए। 

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