संशय में न रहें किसान, नहीं लगेगा साठा धान, एक और आदेश जारी

पीलीभीत। साठा धान पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। कृषि विभाग ने फिर जारी किया पत्र। जिलाधिकारी साठा को लेकर गंभीर हैं।  भाकियू के मंजीत सिंह का आरोप है कि बहुत देर में चेता प्रशासन। साठा धान ने जल व जमीन को बहुत नुकसान किया है शायद इसकी भरपाई भी नहीं होगी।
गोमती नदी का अस्तित्व भी साठा धान ने पूरी तरह से खो दिया है।


पिछले साल जानकारो की एक टीम लखनऊ से गोमती नदी उदगम स्थल पहुँची थी उन्होने गोमती माँ का अलोप होने का कारण अत्याधिक जल दोहन (साठा धान) ही माना।
नये आदेश में डीडी एग्रीकल्चर यशराज सिंह ने साठा की जगह अन्य कम पानी वाली फसलें लगाने की सलाह दी है। साठा लगाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

(नोट-धान की पौध का गत वर्ष का यानी फाइल फोटो प्रयोग किया गया है।)

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