चार साल में मालामाल हो गए ग्राम प्रधान, सरकार ने लिया संज्ञान, कराएगी प्रॉपर्टी की जांच, प्रधानसंघ की मांग ऊपर से शुरू हो अभियान
खेती करते थे वे कर्जदार हो गए।
कार थी बेंचकर बेकार हो गए।।
वे नए नए नेता थे प्रधान क्या बने,
छोड़ साइकिल *बा वकार हो गए।।
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अब तक सवाल गाँव मे उछले “अचूक” थे,
अब दास्तां से रूबरू सरकार हो गए।
जायदाद पर नजरें गड़ी जब खासोआम की,
किस्से बढ़े इतने कि वे अखबार हो गए।
@सतीश मिश्र “अचूक”
(*बा वकार मतलब गरिमा/महिमा , पद और धन सम्पन्न यानी जल्वेदार)
उपरोक्त शेर से यह सवाल उठा कि गावों के मुखिया अमीर हो रहे हैं। उनकी प्रॉपर्टी 4 साल में बेहिसाब बढ़ गई है। अभी तक यह सबाल गाँव में प्रतिद्वंदी ही उठा रहे थे पर अब बात सरकार के कानों तक पहुँच गई है और 4 साल के कार्यकाल में गावो में हुये कामों की तो जांच होगी ही प्रधानों की संपत्ति की भी जांच सरकार कराएगी।
आज यह खबर आई तो गांवों में हलचल मच गई। प्रधानगण काफी परेशान दिखे। इस दौरान विरोधियों को उंगली उठाने का मौका मिल गया। हालांकि अभी प्रदेश सरकार केंद्र से आने वाली गाइड लाइन का इन्तजाए कर रही है।
बढेगी प्रधानों की शिकायतें, विरोधी हुए चौकन्ने
माना जा रहा है कि सरकार द्वारा जांच शुरू कराने की सुगबुगाहट से गावों में प्रधानों की शिकायतें और अधिक बढ़ जाएगी। 1 साल चुनाव में बचने के कारण पहले से ही शिकायतबाजी चरम पर थी।
डोंगल सिस्टम ने पहले ही बढ़ा रखीं हैं प्रधानों की मुश्किलें
सरकार ने गावों में विकास व खर्चो के लिए डोंगल सिस्टम 15 अगस्त से लागू करके पहले ही प्रधानों की मुश्किलें बढ़ा दीं हैं। चेक सिस्टम खत्म हो गया। प्रधानों द्वारा कराए कामो का लाखों का भुगतान भी लटका है। नया सिस्टम प्रधानों को नागवार लग रहा है। शोक पिट और जीसीबी से तालाब खुदाई के कामों का भुगतान निये सिस्टम से संभव नही हो पा रहा है। और भी दिक्कतें हैं। प्राधान जी के हस्ताक्षर की वैल्यू खत्म हो गई। डोंगल के लिए डिजिटल सिग्नेचर बनवाकर सचिवों के पास जमा करा लिए गए। डोंगल 15 से लागू होना बताया गया पर खाते पहले ही बंद कर दिया इससे प्रधानों द्वारा खुद की जेब से कराए कामो का भुगतान लटक गया। यह पीड़ा भी सभी के दिल मे है। अब जांच का नया दर्द परोसा जा रहा है।
प्रधानसंघ जिलाध्यक्ष आशुतोष दीक्षित ने बताया प्रधानों का दर्द, बोले ऊपर से शुरू हो भ्रष्टाचार की जांच
जय प्रधान संघ , प्रधान एकता जिन्दावाद,
मैं पूर्णतया सहमत हूँ कि प्रधानों की जाँच हो और जरूर हो क्योंकि जिन्होंने सच्चाई और ईमानदारी से काम किया है l
या कार्य कर रहे हैं उन्हें जाँच से डरने की आवश्कता नहीं है। सांच को आँच नहीं होती लेकिन मेरा अभिमत और मांग है कि गँगा की सफाई गंगोत्री से शुरू होनी चाहिए।
प्रधान साथियों का जो जाँच के नाम पर उत्पीड़न किया जाता है और संभावित है वो बन्द होना चाहिए।
यह अंतिम वर्ष चल रहा है जाँच हो तो सभी जनप्रतिनिधियो की हो न कि केवल प्रधानों की हो।
प्रधान अपने काम की कार्ययोजना को दीवारों पर लिखवाएगे पर ब्लॉक प्रमुख, विधायकगण और सांसदगण नहीं।।
प्रधान प्लान प्लस पर सब कुछ फीड करेगा।
ब्लॉक प्रमुख विधायक और सांसद नहीं
सिर्फ प्रधान प्रिया शोफ्ट करेगा
विधायक सांसद नहीं।
प्रधान 3500 के मानदेय में सारे काम करेगा वो भी पैसा जो ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के लिए आता है ग्राम निधि में से 3500 का लॉलीपॉप दे दिया जाता है।
विधायक और सांसद लाखो के मानदेय पर।
प्रधान को कोई पेंशन नहीं।
पर विधायक और सांसदों को कई कई पेंशन।
प्रधान के शस्त्र लाइसेंस तक नहीं बनाए जाएंगे।
विधायक और सांसद को सरकारी गनर।
प्रधान अपनी निजी गाड़ी से किराए की गाड़ी लेकर रातो में मरीजों को अस्पताल पहुचाने काम करते हैं। कोई पैसा नहीं। दिन से लेकर रात 12 बजे तक और कभी कभी तो पता ही नहीं चलता कि कब सुबह हो गई ।
प्रधान ही एक ऐसा व्यक्ति है जो रात को भी आपके साथ खड़ा रह सकता है। जब तक आप न थकें तब तक आपके साथ खड़ा रहेगा।
विधायक और सांसद अपने छेत्र में भ्रमण करेगे सरकारी पैसे से व जनता की जेब पर बोझ डालेंगे।
,,,,,,,,,,,, बड़े नेता अपने अपने गिरेबान में झांक कर देख लें हकीकत अपने आप पता चल जाएगी,,,,
सभी सम्मानित प्रधान साथियों से एक ही बात कहना चाहता हूँ कि राजनीतिक मोह माया ग्रुप बाजी छोड़कर इसका पूरी मजबूती के साथ सामना करना चाहिए,,,
अभी समय है
अब न जागे तो कब जागोगे।
जब देर हो गई तो कोई फायदा नहीं निकलेगा जागने से ,
क्योंकि यह लड़ाई केवल प्रधान साथियों की नहीं है बल्कि सभी सम्मानित ग्राम पंचायतवासियों की है। क्योंकि प्रधान केवल और केवल ग्राम वासियों के हक और अधिकार के लिए सदैव लड़ता रहता हैl मेरी सभी सम्मानित साथियों से अपील है की अपनी एकता और अखंडता का परिचय दें हमें किसी भी जाँच से डर नहीं है मैं
केवल एक अपील शासन और प्रसासन से करना चाहता हूँ कि अधिकार हो या सम्मान दिया सभी को बराबर जाए ,और जाँच के नाम पर समय और आर्थिक रूप से उत्पीड़न न किया जाए।
आशुतोष दीक्षित,राजू(एडo)
जिलाध्यक्ष
प्रधान संघ (पीलीभीत))
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