
गुलरिया चीनी मिल अधिकारियों ने किसानों को खोजकर लौटाया उनके नाम निकाला गया लाखों का कर्जा
पूरनपुर। गुलरिया चीनी मिल के क्षेत्रीय स्टॉप ने पूरनपुर समिति क्षेत्र के किसानों के नाम से लाखों रुपए का कर्जा गलत तरीके से निकाल लिया गया था। खाद, दवा और कृषि उपकरण देना बताते हुए यह रुपया किसानों के गन्ना मूल्य से काट लिया गया था। समाचार दर्शन 24 द्वारा इस मामले का खुलासा करने के बाद जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र मिश्रा और पूरनपुर गन्ना समिति के सचिव श्री त्रिपाठी ने मिल अधिकारियों पर किसानों का रुपया वापस करने का दबाव बनाया था। इस पर गुलरिया चीनी मिल के अधिकारी रविंद्र त्यागी व संजीव पांडे ने क्षेत्र में भ्रमण करके पहले ऐसे काश्तकारों की सूचिया तैयार की और बाद में उन्हें गांव में मीटिंग आयोजित करके किसानों को रुपया वापस किया गया। किसान मिल अधिकारी रविंद्र त्यागी व श्री पांडे की तारीफ करते देखे गए
घपलेबाजों पर हो एफआईआर, हटाने की भी मांग
इलाके के काश्तकार क्षेत्र के उन अधिकारियों से खफा है जिनकी सरपरस्ती में यह गलत काम हुआ और चीनी मिल की साख खतरे में पड़ी। किसानों का कहना है चीनी मिल द्वारा नियुक्त डिप्टी केन मैनेजर आरए खान क्षेत्र में काफी कम आते हैं और उनके अंडर में तैनात मोटिवेटर ने गलत तरीके से फर्जी इंडेंट पास किए और इंडेट पर श्री खान ने ही हस्ताक्षर करके इतना बड़ा घपला करने का प्रयास किया। किसानों की मांग है कि मोटिवेटर व डिप्टी मैनेजर को हटाया जाए। इन दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग भी किसान कर रहे हैं। धोखाधड़ी की रिपोर्ट हुई तो चीनी मिल के बड़े अधिकारी भी फंस सकते हैं। इसके चलते कुछ मिल अधिकारी खुद को बचाने में जुट गए हैं। केन मैनेजर श्री उपाध्याय खुद किसानों से फोन पर संपर्क कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि मिल के बड़े अधिकारियों को एक बार इस क्षेत्र में मीटिंग करके किसानों को आश्वस्त करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी नहीं की जाएगी। देखिए किन अधिकारियों ने किसानों को समझकर निपटाया मामला-
मालिकान सख्त, खुद को बचाने और दूसरों को निपटाने की जुगत में जिम्मेदार अफसर
उधर चीनी मिल के मालिक भी इस मसले पर काफी सख्त हुए हैं और उन्होंने उन अधिकारियों की सूची मांगी है जो इस घपले में शामिल व जिम्मेदार हैं। बड़े अफसर ख़ुद बचने और उन्हें निपटने की जुगत में हैं जो पूरा मामला निपटने में अहम रोल मे रहे। दूर से तमाशबीन रहकर इलाके में आने का साहस न जुटा पाने वाले हीरो बनने के लिए गलत रिपोर्ट भेजकर मालिको को भी गुमराह करना चाहते हैं। ऐसे में मिल अफसरों में कायम गुटबन्दी भी खुलकर सामने आ गई है। इस मामले में काश्तकारों की राय भी अहम मानी जा रही है। यह मामला काफी बढ़ता नजर आ रहा है। पूरनपुर के गन्ना सचिव श्री त्रिपाठी ने भी बताया है कि सपहा, चतीपुर आदि गांवो में जाकर काश्तकारों से जानकारी कि उनका रुपया वापस किया गया था नहीं। किसानों ने रूप्या वापस मिलना बताया है।
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