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हिन्दी दिवस पर जरूर पढ़िए “कवि डॉ यू आर ‘मीत’ के दोहे

हिन्दी मेरी श्वांस है, हिन्दी मेरे प्राण ।
हिन्दी मेरा मान है , हिन्दी मेरी त्राण ।। 

हिन्दी से हिम्मत मिली, हिन्दी से उत्साह ।
हिन्दी से ताकत बढी़, हिन्दी- अच्छी राह ।।

हिन्दी कविता से अमर, कवि रहीम रसखान ।
हिन्दी संस्कृत की सुता, भाषाओं की शान।।।

व्यञ्जन व्यञ्जन से लगें, स्वर में सुर के बोल ।
अन्तस्थ और ऊष्म के , उच्चारण अनमोल ।।

तुलसी सूर कबीर को, गाता सकल समाज ।
भाषाओं की भीड़ में, हिन्दी है सरताज ।।

रचनाकार- डॉ यूआर मीत

शिक्षक :- पब्लिक इण्टर कॉलेज

पुरनपुर ( पीलीभीत ) उ० प्र० ।

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