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मजीठिया मामलों में श्रम मंत्री से मिले श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के पदाधिकारी

यूनियन ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन श्रम न्यायालयों में वादों की सुनवाई में तेजी लाने की मांग

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सालों से लंबित पड़े हैं मजीठिया के वाद

श्रम न्यायालयों के कार्य की समीक्षा कर सुनवाई में लाई जाएगी तेजी : मौर्या

पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के श्रम न्यायालयों में मजीठिया वेज बोर्ड के वेतन भत्ते व बकाया एरियर आदि के मामलों में धीमी गति से सुनवाई होने का मामला उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन में मंगलवार को सूबे के श्रम विभाग के काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने रखा। यूनियन की ओर श्रम मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।
उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के मंडल अध्यक्ष निर्मल कांत शुक्ला, मंडल महासचिव राधाकृष्ण रावत, जिला महासचिव साकेत सक्सेना आदि लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में जनपद के प्रभारी मंत्री व श्रम एवं रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या से मिले।
श्रम मंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न श्रम न्यायालयों में मजीठिया वेज बोर्ड के बकाया वेतन व एरियर की मांग को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में श्रम न्यायालयों में मुकदमे चल रहे हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में इन मुकदमों को छह माह की समयावधि के अंदर निपटाने की स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से श्रम न्यायालय में नियुक्त पीठासीन अधिकारी गंभीर नहीं है और दो-दो साल से मजीठिया संबंधी मुकदमे श्रम न्यायालयों में लंबित पड़े हुए हैं। उनकी समयबद्ध सुनवाई ना करके पीठासीन अधिकारी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन कर रहे हैं।


ज्ञापन में मांग की गई कि मजीठिया वेज बोर्ड से संबंधित प्रकरणों में जानबूझकर सुनवाई में विलंब कर रहे पीठासीन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार श्रम न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों को अलग से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समयबद्ध आदेश का अनुपालन करने के लिए आदेशित किया जाए ताकि उत्तर प्रदेश में मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे पत्रकारों को न्याय मिल सके।
श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री मौर्य ने आश्वासन दिया कि इस मामले में समीक्षा करके सरकार की ओर से पीठासीन अधिकारियों के लिए निर्देश जारी कराएंगे।

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