शिव पार्वती के विवाह की रस्म से हुआ शादी विवाह का आगाज, लाइव देखिये ग्रामीण अंचल में कैसे निभाई परंपरा

(यूपी पीलीभीत के घुंघचाई से लोकेश त्रिवेदी की रिपोर्ट)

घुंघचाई। नवरात्रि पर्व का उल्लास अंतिम दौर में है वही इस पर्व के पूर्ण होने पर सनातन धर्म में शादियों का भी दौर शुरू हो जाता है। गौरा गौरी के विवाह का कार्यक्रम ग्रामीण परिवेश में अनूठे अंदाज में बनाया जाता है। इसमें लोग बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाते हैं। आज भी पुरानी परंपरा का जीवंत रूप देखने को मिला जो अपने आप में निराला था। शारदीय नवरात्र का महत्व अपने आप पर अनूठा है और इसके बाद सनातन धर्म में कई त्योहार आने शुरू हो जाते हैं। व्रत धारी लोग महामाई की पूजा अर्चना कर अपने आप को निहाल कर रहे हैं वही आज नवरात्रि पर्व के आठवें दिन महामाई की पूजा अर्चना क्षेत्र के कई गांव में वैदिक विधि विधान से की गई और मान्यता है कि इस पर्व के बाद शादी संबंधों का भी दौर शुरू हो जाता है। भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा अर्चना के साथ ही उनके विवाह का आयोजन भव्यता के साथ अनेक स्थानों पर ग्रामीण अंचलों में किया गया। जहां लोग अपने अपने अनोखे अंदाज में शादियों का डोला लेकर पहुंचे।

बच्चों के वाद्य यंत्र भी अलबेले

 छोटे-छोटे बच्चे जिनके द्वारा लकड़ियों के माध्यम से अनोखी वाद्य यंत्र की तैयारी थी और नारे भी अलबेले की खटाई का खटवा गैया चुगाना गई मारो झुकाना गोओ जैसे स्लोगन तेज आवाजों में बुलंद कर पुरानी सभ्यताओं को जीवंत कर रहे थे। अनोखे अंदाज में पुरोहित ने भी पूरी शिद्दत के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शादी संपन्न

कराई। मान्यता है कि इस कार्यक्रम के बाद शादियों का दौर सनातन धर्म में शुरू हो जाता है। पुरानी सभ्यताएं आज भी ग्रामीण अंचलों में कुछ लोग जीवंत किए हुए हैं जिसको देखकर अनूठा अनुभव हुआ।

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