आइये आपको लाइव दिखाते हैं पीलीभीत में नेशनल हाइवे पर बीजेपी लीडर संग किस तरह हुई थी मारपीट और छीनाझपटी
पीलीभीत। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 730, स्थान खारजा आउटलेट नहर का पुल, विवाद सिर्फ इतना था कि नहर के निर्माणाधीन पुल के पास लगा था जाम। उसे खुलवाने में विवाद बढ़ गया और मारपीट शुरू हो गई। आइए आपको लाइव दिखाते हैं कि हाईवे पर किस तरह का था आलम। इस वीडियो की आवाज हमने इसलिए बंद कर दी है क्योंकि इसमें अभद्र भाषा का जमकर प्रयोग किया गया था। इसलिए आपको सिर्फ वीडियो देख कर ही हाव भाव समझ लेने चाहिए-
जानिए क्या था पुुरा मामला
एक दिन पूर्व भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री और डीसीडीएफ के चेयरमैन पीलीभीत के भिखारीपुर निवासी राजेंद्र कश्यप भाजपा के जिला उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल के साथ पुवायां जा रहे थे। हाईवे पर उनके साथ मारपीट हुई थी। भाजपा नेता का कहना है कि वे जाम खुलवा रहे थे इसी दौरान सिख युवक हमलावर हो गए हैं और मारपीट करने लगे। उधर आरोपी वीडियो में खुलेआम कह रहे हैं कि भाजपा नेता ने रिवाल्वर लहरा कर जान से मारने का प्रयास किया, इसलिए उन्होंने रिवाल्वर लेकर भाजपा नेता की पत्नी को दे दिया ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो जाय। पूरे विवाद के बाद वायरल हुए वीडियो चर्चा में हैं और व्हाट्सएप ग्रुप पर इन्हें खूब प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है। इससे भाजपा नेता की फजीहत हो रही है। वहीं पुलिस रिपोर्ट दर्ज करके आरोपियों की शिनाख्त करने की बात कह रही है।
दोनों पक्षों ने पुलिस पर क्यों नहीं किया भरोसा?
हालांकि एक तबका ऐसा भी है जो पूरेे मामले में भाजपा नेेताा को ही दोषी ठहरा रहा है। उनका तर्क है कि अगर जाम लगा था तो भाजपा नेता को अपना रिवाल्वर लहराने की बजाय 100 नंबर या कोतवाली पुलिस को फोन करके पुलिस की मदद लेनी चाहिए थी। दूसरी तरफ हमलावर युवकों को भी पुलिस से भाजपा नेता की शिकायत करनी चाहिए। बल प्रयोग व गालियों का प्रयोग मर्यादा व कानून के विपरीत है। दोनों पक्षों ने कानून पर भरोसा ना करके ना जाने क्या साबित करने का प्रयास किया है ।
पुल बनवा देते तो न होता इतना बबाल, इलाके के लोग रोज झेलते हैं जिल्लत
इस पूरे मामले की वजह पुल पर प्रतिदिन लगने वाला जाम है। भाजपा नेता ने सिर्फ 1 दिन के लिए इसे झेला लेकिन स्थानीय जनता इस दर्द को रोज ही झेलती है। बाहर से आने वाले यात्री भी जाम में फंसकर जलील होते हैं। अगर नेताओं व अफसरों ने पुल बनवा दिया होता तो शायद ऐसी स्थिति नहीं होती। खरजा नहर पर तो पुल बन रहा है लेकिन हरदोई ब्रांच नहर का पुल जर्जर, सकरा एवं गिरताऊ है परंतु इसे बनाने के अभी तक कोई प्रयास स्थानीय जनप्रतिनिधियों या अधिकारियों ने नहीं किये हैं। जिसके चलते हर रोज फुल व आस पास मारपीट, जाम नोकझोंक जैसी समस्याएं आती रहती हैं। यह सब कब तक जारी रहेगा इस पर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और अधिकारियों को मंथन जरूर करना चाहिए।
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