रामलीला मेले ने निकाला किसानों का दिवाला, पांच फीसदी किसानों को भी नहीं मिला समर्थन मूल्य, हो रही सीधी खरीद, चंद चंदे ने किया अफसरों को मौन
-मेला आयोजन व वाउण्ड्री निर्माण मे आर्थिक मदद के चलते राइस मिलर्स को मिली हुई है खुली छूट
-साहब मेला मे व्यस्त, साहब से पक्की दोस्ती की आड़ मे राइस मिलर्स सीधी खरीद कर किसानों को लूटने में भुना रहे सम्बन्ध, सीधी खरीद का ईजाद किया गया नया तरीका
पूरनपुर। सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य दिलाने की नियत के चलते लगाये गये सभी एजेंसियों के क्रय केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं दूसरी ओर राइस मिलर्स ने सीधी खरीद करने का सीधा व सरल उपाय ढूंढ लिया है जिसके चलते राइस मिलर्स द्वारा खुले धान की ट्रालियों को मण्डी लाकर गेट पास कटवाने के बाद उसी धान को मिलों पर पहुंचाया जा रहा है। जिससे राइस मिलर्स ने उस कहावत को चरितार्थ रूप दे दिया है कि सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
नवीन कृषि उत्पादन मण्डी पूरनपुर का नजारा ही दूसरा है, यहां लगे सभी धान क्रय केन्द्र किसानों की फसल से वंचित हैं और मण्डी में स्थित राइस मिलर्स की दुकानों की ओर हसरत भरी निगाहों से देख रहे हैं, मानों कहते हों कि एक-दो ट्राले क्रय केन्द्र पर भी आकर गिर जायें जिससे वहां पर सूनापन खत्म हो जाये परन्तु अफसोस उनके इन अरमानों पर पानी फेरने में जहां राइस मिलर्स व बिचैलिये पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहीं नवीन कृषि उत्पादन मण्डी स्थल के कर्मचारी व प्रशासन भी अपनी उदासीन कार्यशैली के चलते क्रय केन्द्रों को चलवाने में असफल नजर आ रहा है। भारतीय किसान यूनियन अरा0 द्वारा सीधी खरीद का विरोध किये जाने के बाद भी प्रशासन ने मामले को गम्भीरता से लेने की नही सोची ताकि किसान हितैषी संगठन जनहित के मुद्दों को उठाने में भविष्य में दिलचस्पी न दिखायें और हताश और निराश होकर बैठ जायें। बतातें हैं कि जनपद के उच्चाधिकारियों सहित मण्डी प्रशासन व स्थानीय प्रशासन द्वारा राइस मिलर्स पर सीधी खरीद रोकने के लिये सख्ती बरतने की बजाय आयोजित श्रीरामलीला मेला आयोजन व मेला मैदान की चारदीवारी के निर्माण हेतु राइस मिलर्स से मोटा चन्दा लेकर राइस मिलर्स को सीधी खरीद कर किसानो का आर्थिक शोषण करके खून पसीने से तैयार की गई फसल औने पौने दामो मे खरीदने की छूट प्रदान कर दी है और राइस मिलर्स ने स्थानीय अफसरो से मिली छूट और अधिकारियों से प्रगाढ़ सम्बन्धो का फायदा उठाकर धान की सीधी खरीद का इतना आसान तोड़ निकाला कि उन्होंने मण्डी गेट पर ही धान लाने वाले किसानों से सीधी सौदा करके धर्मकांटे से जहां धान खरीद रहे है वहीं मण्डी से 6-आर कटवाकर सीधी खरीद का विरोध करने वाले किसान हितैषियों के मुंह पर भी ताला लगवाने का कार्य कर रहे हैं। हमेशा की तरह इस बार सच्चाई यह है कि राइस मिलर्स जिम्मेदार अधिकारियों की दोस्ती का फायदा उठाकर किसानों का धान आढ़तियों के माध्यम से खरीदने की वजाय सीधी खरीद करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं और तो और कई राइस मिलर तो पूरा-पूरा दिन सीधी खरीद की सेटिंग में श्रीरामलीला मेला आयोजन की आड़ में किसानो की परेशानियों से वर्तमान मे कोई सारोकार न रखते दिखाई दे रहे अधिकारी के साथ गलवहियां करते नियमित देखे जा सकते हैं। यही नही यदि सूत्रों की मानें तो किसानो को लूटने के मामले मे राइस मिलर्स की अधिकांश धर्मकांटों पर सैटिंग है और किसानों का धान तुलवाने में उनका एक से दो कुन्तल माल भी घटतौली कर गायब कर दिया जाता है। राइस मिलर्स द्वारा किसानों का धान सीधी खरीद करने के पीछे उद्देश्य यह भी रहता है कि फिर यही धान क्रय केन्द्र ठेकेदारों से सौदेबाजी कर वहां तुलवा दिया जायेगा और मोटा मुनाफा कमाया जायेगा। फिर चाहें इसके लिये सरकार व किसानों को कितना ही चूना क्यों न लगाना पड़े। कुछ राइस मिलर्स तो इसलिये भी सीधी खरीद करने पर विशेष ध्यान देते हैं कि अधिकांश क्रय केन्द्र उनके ही मिल से अटैच होंगे और वे पहले से खरीदा गया धान कागजों पर चढ़ाकर उसे गोदाम में उतरवा देंगे तथा उसका भुगतान खाद्य विभाग से प्राप्त हो जायेगा। फिलहाल इस मामले मे जिम्मेदारो की लापरवाही और राइस मिलर्स से गाढ़ी दोस्ती के चलते सीधी खरीद पर अंकुश लग पाना एक दिवा स्वप्न सा रह गया है। शासन को अंधेरे मे रखते हुए मण्डी सभापति कितनी भी सफाई दें कि सीधी खरीद बंद है लेकिन राइस मिलर्स द्वारा दोस्ती की आड़ मे खोजा गया सीधी धान खरीद का ताजा तरीन तरीका अधिकारियों को या तो समझ नहीं आ रहा है या फिर वे श्रीरामलीला मेला आयोजन व मेला मैदान की चारदीवारी के निर्माण हेतु आर्थिक सहयोग के नाम पर किए गये गुप्त समझौते के चलते समझना ही नहीं चाहते हैं। इस संबंध में पक्ष जानने के लिए रिपोर्टर द्वारा एसडीएम से बात करने का प्रयास किया गया परंतु मेले के शोर में होने के कारण उनसे वार्ता नही हो सकी। अगर कोई इस खबर पर प्रतिक्रिया देना चाहे तो व्हाट्सअप नंबर 9411978000 पर अपनी बात भेज सकते हैं इसे प्रकाशित किया जाएगा।
रिपोर्ट- शादाब अली
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