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डिप्टी आरएमओ की जुबानी सुनिये- प्रगतिशील किसान मंजीत सिंह की उन्नति खेती की कहानी

पीलीभीत जनपद प्राकृतिक संपदायुक्त हिमालय की तलहटी मे बसा जनपद है, जहाँ लगभग एक तिहाई क्षेत्रफल मे जंगल ही जंगल है। धान, गेंहूँ और गन्ना के अत्यधिक उत्पादन करने और मेहनतकश पंजाबी सरदारों की बहुतायत ने इसे “मिनी पंजाब ” का दर्जा दिया है।

इन्ही मे से एक हैं सरदार मनजीत सिंह संधू। बेहतरीन इंसान, खेती मे इनोवेटिव आइडिया लगानेवाले किसान,जो आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अपने फार्महाउस पर सभी प्रकार के अन्न, धान, गेंहूँ, चना, मसूर, अलसी,सब्जियां इत्यादि बिना रासायनिक

खाद, पेस्टीसाइड, हानिकारक रसायन का प्रयोग किए उपजाते हैं। इनके बगीचे मे सभी प्रकार के पेड़ पौधे उपलब्ध है मसलन चंदन, जिंको बिलोबा, नागकेसर, हर्रे बहेड़ा, सेब,क्रिसमस ट्री और न जाने क्या ,क्या। एक पेड़ ऐसा है जिसके बारे मे कहा जाता है इसके पत्ते से श्री कृष्ण जी माखन खाते थे। देखने मे ये पेड़ सामान्य बरगद के पेड़ सदृश है पर इसके पत्ते चम्मचाकार हैं। इनके पास

आर्गेनिक “ब्लैक राइस” भी पाया जाता है जो सामान्यतः मणिपुर सहित नार्थईस्ट मे उपयोग मे लाया जाता है। इन्होने इस साल “पर्पल गेंहूँ” का बीज लगाया है जिसमे एंटीऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा मे होता है।

(साभार डॉ अविनाश झा, डिप्टी आरएमओ पीलीभीत)

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