पीलीभीत में डेंगू की बीमारी से मौत की लाचारी, अस्पताल क्यों नहीं पहुंचती साइकिल की सवारी?
हर कोई अपना सा लगता बच्चा बच्चा मीत है। प्राणवायु की खान जहाँ वह अपना पीलीभीत है।।
यह पंक्तियां कवि व पत्रकार सतीश मिश्र के अपना पीलीभीत नाम के गीत की हैं। इनमें जनपद में प्राणवायु की बहुलता बताई गई है पर शायद आजकल इसकी कुछ कमी सी महसूस हो रही है। क्योंकि बीमार होकर लोग मर रहे हैं। हम आपको इसके कुछ सीन दिखा रहे हैं।
सीन 1-अस्पताल फुल, हर घर में बीमारी
घर घर में अजनबी बुखार रूपी बीमारी जड़ें जमा चुकी है। किसी को वायरल फीवर, कोई टाइफाइड तो कोई डेंगू नामक बीमारी की गिरफ्त में है। प्लेटलेट्स की कमी सबकी जुबां पर है। देहात के लोग इनकी गिनती रटते नजर आ रहे हैं। प्लेटलेट्स से ही जिंदगी मौत आँकी जा रही है। चौतरफ कोहराम है। ऐसी बीमारी शायद पहली बार दस्तक दे रही है।
सीन 2-कागजो में सरकारी आँकड़े गुलाबी, अस्पतालों में डेंगू का उपचार नहीं
यूं तो पीलीभीत में डेंगू बुखार घर घर फैल चुका है। कई मौतें हो चुकीं हैं, सैकड़ो बीमार हैं परंतु सेहत विभाग डेंगू का अस्तित्व ठीक उसी तरह नहीं स्वीकार रहा जैसे सत्ताधारी पार्टी के लोग और सरकारी अफसर भ्रष्टाचार होना नहीं मानते। यह दीगर बात है कि एक एसीएमओ सहित कई स्वास्थ्यकर्मी व डॉक्टर बीमार हैं। जनता कहती है कि कोई बड़ा चपेट में आये तभी मानेंगे। अस्पताल डेंगू नही मानता इसलिए डेंगू की दबाई भी नहीं है। रामराज में लोग मर रहे हैं। हेपामर्ज इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है।
सीन 3- साइकिल से अस्पताल भी आया करो
डीएम एसपी ने मातहतों संग साइकिल से नगर में घूमकर सफाई देखी। गड़बड़ी पर काऱवाई को कहा। अफसरों की मंशा थी कि अधीनस्त ठीक काम करेंगे पर ऐसा नही हुआ। निरीक्षण को सफाई का सर्टिफिकेट मानकर कर्मी लापरवाह हो गए, गंदगी बढ़ी और उसने बीमारी भी बढ़ा दी। लोगों की मांग है की साहब लोग एक बार साइकिल लेकर अस्पताल भी घूम आते तो हकीकत पता लगती। एक बार पूछते की डेंगू की दवा क्यों नहीं है? उपचार क्यों नहीं हो रहा है? पर शायद साहब को भी इतनी फुरसत कहाँ।
व्यापारी, विपक्ष सब लाचार, धरना देने को हुए तैयार,
डेंगू का डंक सभी झेल रहे हैं। सत्तापक्ष हो या विपक्ष या व्यापारी वर्ग, आम जनता सभी पीड़ित हैं। साइकिल से सफाई के निरीक्षण से कोई खुश नहीं। सीएम द्वारा डेंगू को नकारने से लोग अधिक आक्रोशित हैं। सोमवार को विपक्ष और व्यापारी 11 बजे नेहरू पार्क में जुटेंगे। अगर आप भी पीड़ित हैं और मौजूदा व्यवस्था से नाखुश हैं तो डेंगू विरोधी धरने में जा सकते हैं। इति श्री डेंगू कथा।
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