साईकिल होगी हाथी की साथी, पीलीभीत सीट सपा के खाते में

सपा बसपा गठबंधन में सीटों का हुआ बंटवारा

सपा बसपा गठबंधन की घोषणा बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन पर हो सकती है

लखनऊ : समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा अंतिम रूप में है। सूत्रों की बात मानी जाए तो समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी यूपी के अंदर गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे वहीं कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं होगी। पिछले काफी दिनों से सीट के बंटवारे को लेकर चर्चाएं चल रही थी। आज उस पर विराम लगता नजर आ रहा है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के बीच गठबंधन पर सहमति बन गई है। सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी दोनों ही पार्टी इन सीटों को लेकर राजी हो गई हैं वहीं लोकसभा सीट के हिसाब से भी बंटवारा हो चुका है।
आपको बताते चलें 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद समाजवादी की 5 सीटों पर जीत हुई थी वहीं 31 प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को 22 पॉइंट 2 फ़ीसदी और बसपा को 20 फ़ीसदी वोट मिले थे।

वहीं पिछली लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का एक भी प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सका था उसके बावजूद बहुजन समाज पार्टी 34 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी इसी को देखते हुए दोनों पार्टियों में सीटों को लेकर आपसी सहमति बन गई है।

बसपा इन सीटों पर लड़ेगी चुनाव

आगरा, अकबरपुर, अलीगढ़, अंबेडकरनगर, बांदा, बांसगांव, भदोही, बुलंदशहर, चंदौली, देवरिया, धौरहरा, डुमरियागंज, फतेहपुर, फतेहपुर सीकरी, घोषी, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, खीरी, मछलीशहर, महाराजगंज, मेरठ, मिर्जापुर, मिश्रिख, मोहनलालगंज, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रॉबर्ट्सगंज, सलेमपुर, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, सीतापुर, और सुलतानपुर।

सपा को मिलेंगी यह सीटें

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कन्नौज, बदायूं, मैनपुरी, आजमगढ़, फिरोजाबाद, इलाहाबाद, अमरोहा, आंवला, बागपत, बहराइच, बलिया, बरेली, बस्ती, बिजनौर, एटा, इटावा, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, झांसी, कैराना, कैसरगंज, कौशाम्बी, लालगंज, मुरादाबाद, नगीना, फूलपुर, पीलीभीत, रामपुर, संभल, श्रावस्ती और उन्नाव।

आपको बता दें पिछले कुछ दिनों से लगातार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर दूरियां बढ़ती जा रही थी वहीं मायावती भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रही थी। इसी को देखते हुए अखिलेश यादव और मायावती ने आपसी सहमति कर सीटों का बंटवारा कर लिया है वहीं कांग्रेस अब अपने नए साथी की तलाश में है और जल्द घोषणा कर सकती है।

(खबर सूत्रों के हवाले से)

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