लखीमपुर में जान जोखिम में डाल कर लोग करते हैं यात्रा
(लखीमपुर से निर्जेश मिश्र/ललित गुप्ता की रिपोर्ट)
लखीमपुर/पलियाकलां-खीरी। पलिया तहसील क्षेत्र में निजी बस चालक यात्रियों की जिन्दगी को खतरे में डालकर उन्हें बसों की छतों बिठाकर पर यात्रा करने पर मजबूर कर रहे हैं। इन बस चालकों व स्वामियों के खिलाफ एआरटीओ और पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। लाइव देखिये वीडियो-
गौर से देखिए इस बस पर बैठे यात्रियों को। क्या इन यात्रियों की यह सुरक्षित यात्रा है ? यह बस पलिया से गौरीफंटा जा रही है, जो नेपाल बार्डर पर है। अलावा इसके पलिया से गौरीफंटा तक लगभग 32 किलोमीटर घने जंगल से होकर जाना पड़ता है। ऐसे में बसों की छतों पर बैठकर यात्रा कर रहे यह यात्री किसी भी समय अपनी जान गंवा सकते हैं। क्या इस प्रकार की बसों पर पुलिस की नजर नहीं पड़ती है ? सबसे मजेदार बात यह है कि जब पलिया से बस चलती है तो सबसे पहले उसे सीओ आॅफिस के सामने से होकर गुजरना पड़ता है। उसके बाद पुलिस चौकी दुधवा रोड, दुधवा नेशनल पार्क बैरियर से होते हुए कोतवाली गौरीफंटा की पुलिस के सामने से यह बसें दौड़ती हुई जाती हैं। इसके अलावा पुलिस चौकी गौरीफंटा के सामने यह सारी बसें खड़ी होकर सवारियों को उतारतीं हैं। बाबजूद इसके इन बस चालकों व मालिकों के खिलाफ आजतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। कार्रवाई न होने के कारण बस चालकों के हौसले दिन ब दिन बुलन्द होते जा रहे हैं।
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