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पीलीभीत योगीमय और रामलीला में रमा गोमती उद्गम स्थल

प्रभु राम ने तोड़ा धनुष , वैदेही का हुआ विवाह राम के संग

तहसीलदार ने किया कन्यादान

माधोटांडा। गोमती तीर्थ स्थल पर हो रहे कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान के अवसर पर श्री प्रभु राम लीला मंचन महोत्सव में श्री राम ने भगवान शंकर का धनुष तोड़ा और सीता माता का राम के साथ विवाह संपन्न हुआ तहसीलदार कलीनगर सहित अन्य श्रद्धालुओं ने कन्यादान किया।


अवध की शान लखनऊ शहर की लाइफ लाइन मोक्ष दायिनी पतित पावनी आदि गंगा मां गोमती नदी के पावन उद्गम तीर्थ स्थल पर सोमवार से पांच दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान श्री प्रभु रामलीला मंचन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है आयोजन के तीसरे दिन बुधवार की रात ब्रज लोक कला फाउंडेशन ग्रुप मथुरा वृंदावन के दानी शर्मा एवं पंकज खंडेलवाल के दिशा निर्देशन में सीता स्वयंवर का मार्मिक मंचन किया गया मंचन को देखने वाले श्रद्धालुओं से गोमती मंच के सामने बना पंडाल खचाखच भरा रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ कवि व पत्रकार सतीश मिश्र द्वारा रचित गोमती माता की आरती के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने माता गोमती की आरती की उसके बाद मिथिला नरेश राजा जनक के यहां सीता माता के स्वयंवर का मार्मिक मंचन किया गया सीता स्वयंवर में राजा जनक ने भगवान शंकर के जीर्ण शीर्ण धनुष तोड़ने वाले के साथ अपनी पुत्री वैदेही के विवाह की शर्त रखी सीता स्वयंवर में संपूर्ण संसार के राजा महाराजा महारथी पहुंचे ऋषि विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण भी स्वयंवर में पहुंचे, लंका नरेश रावण और पाताल नरेश बाणासुर जैसे महावीर पराक्रमी राजाओं ने भी भाग लिया स्वयंवर में पहुंचे रावण और बाणासुर

का मार्मिक संवाद का मंचन बड़ा ही मनमोहक किया गया जिसमें बाणासुर ने अपने बल और रावण के बल की बात कही स्वयंवर में पहुंचने पर रावण ने भगवान शंकर द्वारा बताई गई श्रीराम की महिमा का गुणगान किया और स्वयं श्री राम की हस्तरेखा देखकर राम के द्वारा अपने वंश के समूल नाश और राजा दशरथ की पुत्र वियोग में मृत्यु एवं सीता माता से श्री राम का बिछड़ना भी बताया स्वयंवर में पहुंचे महावीर पराक्रमी राजा जब धनुष को उठाने की बात तो दूर उसे इंच मात्र भी हिला ना सके तो मिथिला नरेश जनक ने स्वयंवर में जब यह कहा कि लगता है कि मेरी प्रतिज्ञा को शायद कोई भी पूरा नहीं कर पाएगा यह धरती वीरों से खाली हो गई है उनके वचनों को सुनकर लक्ष्मण से रहा नहीं गया और उन्होंने मिथिला नरेश जनक से कहा कि आप ने शायद यहां पर उपस्थित उनके बड़े भ्राता राम की महिमा को नहीं जाना है मैं तो उनका अनुज भ्राता हूं यह धनुष क्या मैं तो संपूर्ण ब्राह्मण को उथल पुथल कर सकता हूं लक्ष्मण के क्रोध को

देखकर ऋषि विश्वामित्र ने राम को धनुष तोड़ने की आज्ञा दी भगवान श्री प्रभु राम जी भगवान शिव शंकर के जीर्ण शीर्ण धनुष को प्रणाम कर उसकी स्तुति की और उसे एक ही हाथ से उठाकर हवा में उछालते हुए झटके से तोड़ दिया श्री प्रभु राम के द्वारा धनुष तोड़ते ही माता सीता ने प्रभु श्रीराम के गले में

वरमाला डाल दी और प्रभु राम ने भी माता जानकी के गले में जयमाला डाल दी माता जानकी और प्रभु राम के विवाह के साथ ही गोमती उद्गम तट शंख और घड़ियाल का शंखनाद होने लगा हजारों की भीड़ में बैठे श्रद्धालुओं ने भगवान श्री राम की जय और माता जानकी की जय के जय कारे लगाने शुरू कर दिए संपूर्ण गोमती उद्गम तीर्थ स्थल श्री प्रभु राम की जय जनक नंदिनी जानकी की जय गोमती मैया की जय से गुंजायमान होने लगा सीता माता और भगवान राम के विवाह के संपन्न होने पर राकेश कुमार मौर्य तहसीलदार कलीनगर, सहित योगेश्वर सिंह राममूर्ति प्रधान पति माधोटांडा, धनीराम पूर्व प्रधान, निर्भय सिंह, स्वाभिमान सिंह, पराग सिंह ,गोविंदा राठौर, करन सिंह, महिपाल सिंह, विजेंदर सिंह आदि लोगों ने कन्यादान किया

आज प्रभु राम का बनवास गमन और सीता हरण का होगा मंचन

कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान श्री प्रभु रामलीला मंचन महोत्सव के चौथे दिन गुरुवार की शाम बृज लोक कला फाउंडेशन ग्रुप के अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के द्वारा आज भगवान राम के वनवास गमन, सीता हरण ,केवट संवाद आदि का मार्मिक मंचन किया जाएगा। रिपोर्ट-कुँवर निर्भय सिंह

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