जंगल से निकले बाघ ने किया नीलगाय का शिकार, दहशत

 

घुंघचाई। जंगल छोड़कर आबादी में घुसकर गन्ने के खेत से बाघ ने नीलगाय को अपना निवाला बना लिया। इस दौरान मामले की जानकारी पर ग्रामीण सहम गए। घटना की सूचना विभागीय लोगों को दी गई। जनपद के वन क्षेत्र टाइगर रिजर्व में जरूर कर दिए गए लेकिन जंगलों में रहने वाले जीव जंतु को संरक्षित करने के लिए और बाहर ना निकले इनको लेकर विभाग द्वारा कोई भी कवायद आज तक नहीं की गई जिससे पूर्व में भी कई घटनाएं हो चुकी हैं । अभी डेढ़ माह पूर्व मटेहना गांव में जंगल से निकले बाघ ने कई लोगों पर हमला किया था। इस मामले को लोग भूले नहीं थे कि फिर से एक घटना के बाद तीसरी घटना गड़ा रेंज के अंतर्गत कॉलोनी नंबर 9 में देखने को मिली। गांव निवासी चंद्रमा के गन्ने के खेत में जंगल से निकलकर बाग ने नीलगाय को अपना निवाला बना लिया । काफी देर तक वह गन्ने में चहल कदमी करता देखा गया। मामले की जानकारी पर लोग एकत्र हुए । पता चला कि बाघ यहां पर मौजूद है तो लोग मौके से खिसक लिए। ग्रामीणों द्वारा घटनाक्रम की सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई। मौके पर पहुंचकर 1 कर्मचारियों ने बाघ की लोकेशन परखी और जब तक वह जंगल में नहीं गया। तब तक कर्मचारी दाएं बाएं लगे रहे। गड़ा रेंज के वन दरोगा सियाराम ने बताया कि बाघ द्वारा गन्ने के खेत में नीलगाय का शिकार किया गया है लेकिन बाघ आबादी क्षेत्र से हटकर जंगल में पहुंच गया है । इसको लेकर के विभागीय लोग सक्रिय थे । फिलहाल वन विभाग की ओर से जंगल के किनारे तार ना लगाए जाने के कारण आए दिन वन्य जीव आबादी क्षेत्र में पहुंचकर लोगों का नुकसान कर रहे हैं । बाघ के आबादी क्षेत्र में विचरण से लोगों मैं खौफ देखा गया।

रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी

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