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अकाल एकेडमी के बच्चों ने संविधान दिवस पर ली शपथ, लाइव देखिये वीडियो

 पूरनपुर। कजरी निरंजनपुर स्थित अकाल एकेडमी में मनायी गयी संविधान दिवस की 70 वीं वर्षगांठ। भारत के संविधान को अंगीकृत किए जाने के 70 साल पूरे होने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार आज संविधान दिवस के  वर्षगांठ के रूप में मनाया गया।  इस मौके पर स्कूल में भारत के संविधान से संबंधित वाचन एवं पाठन हेतु स्कूल में आज स्पेशल असेंबली का आयोजन किया गया । जिसमें अध्यापक विमल कुमार शर्मा ने भारतीय संविधान  के प्रारूप के बारे में बताया । उन्होंने भारत के संविधान की प्रमुख विशेषताओं के बारे में भी चर्चा की उन्होंने ।

उन्होंने अपने संबोधन में छात्र छात्राओं को बताया कि किस प्रकार संविधान में समस्त देशों के  संविधान से अच्छी बातों को भारत के संविधान में शामिल किया गया है। इसके लिए उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने बहुत ही कम समय में देश को चलाने के लिए देश के संविधान को रचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अध्यापक सीपी त्रिपाठी ने बताया कि  कि आज से लगभग 70 साल पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान के फाइनल ड्राफ्ट को भारत सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था और इसमें लगभग 2000 संशोधनों के पश्चात 26 जनवरी सन 1950 में इसे पूरे देश में लागू किया गया था ।उन्होंने बताया कि हमारे देश एवम सभी प्रदेशों की सरकारें, सभी न्यायालयों में संविधान में उल्लेखित नियमों के आधार पर ही कामकाज होता है। इस मौके पर हेड क्वार्टर विजय पाल सिंह ने विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की 10 सबसे अधिक रोचक बातों को विद्यार्थियों के साथ साझा किया । उन्होंने बताया कि संविधान लागू होने के 70 वर्षों में इसमें लगभग 103 संशोधन किए गए हैं । हमारे संविधान को हस्तलिखित पांडुलिपि में लिखने के लिए लेखक प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने कोई भी मेहनताना भी नहीं लिया , बल्कि उसके स्थान पर उन्होंने संविधान के हर पृष्ठ पर अपना नाम अंकित करने की शर्त रखी जिसे भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हमारा हस्तलिखित संविधान कांच के एक बॉक्स में रखा है जिसमें हिलियम गैस भरी हुई है ताकि किसी भी प्रकार की रासायनिक क्रिया द्वारा हमारे संविधान को नुकसान न पहुंच सके।  उन्होंने यह भी बताया कि जिस पेपर पर हमारा संविधान लिखा गया है वह लगभग 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहने वाला विशेष प्रकार का कागज है जिसमें 117369 शब्द है तथा  पूरे संविधान का वजन लगभग 13 किलो है और यह विश्व का सबसे बड़ा लिखित दस्तावेज है । उन्होंने जानकारी दी कि मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार पूरे वर्ष भर छात्र छात्राओं के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।  इन कार्यक्रमों के जरिए विद्यार्थी अपने देश के संविधान को और अच्छे तरीके से समझ सकेंगे । कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य सिमरन कौर थिंद ने विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की रक्षा की शपथ दिलाई और उनसे आह्वान किया कि हम किसी भी प्रकार से अपने देश की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाएंगे। कार्यक्रम में विमल कुमार शर्मा, सी पी त्रिपाठी, गुरजिंदर सिंह, जगबीर सिंह, बलविंदर सिंह, कंचन मिश्रा, दलजीत सिंह, जोगा सिंह, कंचन मिश्रा कनक त्रिपाठी, सुनिमोल फिलिप, मुख्तार सिंह, हरप्रीत सिंह, नवनीत कौर, अंशुल भारद्वाज शमनदीप कौर, विल्शन,हरदीप सिंह, नागेंद्र शर्मा, अमित पटेल अमित वर्मा, सुखजीत कौर, कुलविंदर कौर, सुखवंत कौर, मनदीप कौर, रंजीत कौर सहित दर्जनों शिक्षक एवं शिक्षिकाएं मौजूद थे ।

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