पूरनपुर में हुई शोले-2 की शूटिंग-साहब ने पहले किसान को मारे थप्पड़ फिर जड़ी लात और बाद में मुड़वाई मूछें, कहा “किसी को मत बताना वरना…..मार कर जमीन में गड़वा दूंगा, नहीं मिलेगी लाश” किसान की जुबानी सुनिये जुल्म की पूरी दास्तां
पीलीभीत। याद करिए जनाब सुपर हिट शोले फ़िल्म में गब्बर सिंह इंस्पेक्टर के दोनों हाथ काट लेता है पूरनपुर में इसी फिल्म की तर्ज पर किसान की दोनों मुछें कटवा दीं गई। आप सबको तिरंगा फिल्म में राजकुमार का वह डायलॉग भी तो याद ही होगा “पहले बात , फिर मुलाकात और ना माने तो लात” इसी फ़िल्म में इंस्पेक्टर बागले कहता है कि उसका उसूल है कि “पहले लात, फिर बात और उसके बाद मुलाकात” पूरनपुर के एसडीएम ने भी चंदोखा के किसान बेनीराम के साथ इन्ही डायलॉग या यूं कहें इससे भी आगे बढ़ते हुए करके दिखा दिया तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
घुंघचाई में घटित हुई फिल्मी अंदाज में यह जुर्म की कहानी
फ़िल्म की अधिकांश शूटिंग तो घुंघचाई चौकी में हुई। कुछ भाग पूरनपुर कोतवाली में किसान को 24 घंटे बंद रखकर फिल्माया गया। जहाँ हर कोई सुरक्षा की गुहार लेकर जाता है उसी कोतवाली में किसान को जमीन में गाड़ने की धमकियां मिलीं। भाकियू ने इस अत्याचार के खिलाफ आज जमकर आवाज उठाते हुए एसडीएम पर कार्रवाई की मांग की। साफ कहा गया कि यह किसान की मूछ का सवाल है।
किसान की बात वीडियो में सुने
बेनीराम नेे बताया कि पहले उसे घर से उठाया गया। बााद मेंं घुुघचाई चौकी लाकर एसडीएम में थप्पड़ मारे और फिर लात का प्रहार भी किया। यानी राजकुमार की फुल एक्टिंग घूघ्चाई पुलिस चौकी में एसडीएम चंद्रभान सिंह ने कर डाली। उसके बाद सिपाहियों को भेजकर किसान की मूछें मुड़वाई गई और उसे गब्बर के स्टाइल में जाने को कहा गया और बाजार में पुलिस की गाड़ी भेजकर दोबारा पकड़वाया गया। पूरनपुर कोतवाली में बंद किया गया और उसके बाद छोड़ा गया। यह सब कोई सरकारी अधिकारी कैसे कर सकता है?
आप लोग ही बताइए क्या एसडीएम का यह कृत्य सही है?-
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हालांकि एसडीएम अपनी सफाई में एक सरकारी बयान जारी कर चुके हैं। जिसमें उन्होंने मूंछ मुड़वाने की बात को गलत बताया है। आप भी देखिए उनकी बात-
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