♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

बिलसंडा की सुप्रसिद्ध तपोभूमि बसूले बाबा देवस्थल

राजा मोरध्वज का मालगुजारी बसूली का था स्थान

अर्जुन और श्रीकृष्ण ने किया था विचरण

आल्हा-ऊदल ने भीे की थी देवभूमि से मालगुजारी की बसूली

बिलसंडा। पीलीभीत जनपद की तपोभूमि में शामिल *बसूले* बाबा देवस्थल का इतिहास श्रीकृष्ण और अर्जुन के अलावा आल्हा और ऊदल से जुड़ा हुआ है। इसी स्थान से महाबलिदानी राजा मोरध्वज माल गुजारी कराया करते थे। धार्मिक स्थल को निखारने का बीणा भी समाज ने उठाया है।
*यूं* तो पीलीभीत हिमालय की तलहटी में बसा होने के कारण यहां हिमालय पर तप तपस्या को गुजरने वाले संत महात्माओं, सिद्व पुरूषों के विचरण का क्षेत्र रहा है। भगवान के चरण कमलों के पड़ते हिमालय के साथ साथ यहां की भी धरती धन्य हुई है। उसी में शुमार पीलीभीत का कस्बा बिलसंडा भी धार्मिकता के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाए हुए है। यहां पर संत महात्माओं के अलावा

महाबलिदानी राजा मोरध्वज जैसे राजा की राजधानी होना अपने में एक अलौकिक और अदभुत बात है। आपको बता दें, यह वही राजा मोरध्वज है, जो भगवान की श्री सत्यनारायण की कथा में वर्णित है। जिन्होंने सत्य की परीक्षा भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के विचरण के दौरान अपने पुत्र को आरे से चीर कर भगवान के सिंह को भोजन के लिए डाल दिया और भगवान को सत्य की परीक्षा दी थी, वहीं राजा मोरध्वज की राजधानी बिलसंडा का मरौरी गांव रहा है।


राजा मोरध्वज के राजधानी क्षेत्र का हिस्सा ही तो है,अपना बसूले बाबा देवस्थल। जो बिलसंडा से पांच और मरौंरी से सात किमी दूर है। इस स्थान पर राजा मोरध्वज के कारिंदे मालगुजारी की वसूली किया करते थे और इसी वजह से यह स्थान बसूले बाबा के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर महाभारत में अभिमन्यु वध के दौरान श्रीकृष्ण और अर्जुन ने विचरण किया था।
इसके बाद इस स्थान का दूसरा इतिहास आल्हा और ऊदल से जुड़ा है। कन्नौज के राजा लाखन सिंह की राजधानी देवभूमि थी तो वहां के लोग राजा को माल गुजारी नहीं देते थे तो राजा के कहने पर आल्हा और ऊदल अपने गुरु अजमल के साथ इस बसूले बाबा पर रूककर मालगुजारी देवभूमि उत्तराखंड से बसूला करते थे।


हालांकि इस स्थान पर बनी मंढी तो महज १३६ वर्ष पुरानी है लेकिन मिलने बाली ईंटों आदि के अवशेष राजा मोरध्वज कालीन होने का प्रमाण देते हैं। खुदाई में बहुत सी प्राचीन चीजें लोगों के हाथ कई बार लगी। यहां पर बिलसंडा श्री निवास कुंज आश्रम के महान संत स्वामी कैलाश दास वेदांती जी महाराज की प्रेरणा से समाज के तमाम लोगों के सहयोग से बसूले बाबा स्थल को संभालने निखारने का काम किया जा रहा है। मेहंदीपुर(राजिस्थान) वाले बाला जी महाराज की तर्ज पर राम व बाला जी दरबार बनाने का कार्य चल रहा है। स्वामी दंडी जी महाराज,सुरेश बाबू मिश्रा, सचिदानंद मिश्रा, देवस्वरूप पटेल , रामबहादुर सहित तमाम भक्त जन सहयोग से मंदिर,यज्ञशाला, सरोवर आदि का निर्माण करा रहे हैं।

रिपोर्ट-मुकेश सक्सेना एडवोकेट

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000