वित्त विहीन विद्यालयों के लिए अत्यन्त संकट का समय, स्कूल बंद, नहीं आ रही फीस, महामारी के साथ भुखमरी की समस्या
*देश, समाज एवं परिवार हित में लाकडाउन का समर्थन करता हूँ।*
साथियो, कई दिन से मन अत्यन्त विचलित है। विचार यह आता है कि इस महामारी एवं देशव्यापी लाकडाउन के समय पार्टियों एवं सत्तासीन सरकारों को एक उपेक्षित वर्ग उत्तर प्रदेश का वित्त विहीन शिक्षक किसी भी आईने में नजर क्यों नहीं आ रहा है?
विचार करें समाज की स्थिति यह है कि वह कहता है कि स्कूल खुला ही नहीं तो फिर फीस क्यों? और जब फीस का कलेक्शन ही नहीं तो शिक्षक को पारिश्रमिक कहां से मिले? प्रदेश के वित्तविहीन शिक्षकों के तो कोचिंग सहित जीवनयापन के सारे रास्ते बंद हैं।
आज यह एक ऐसा यक्ष प्रश्न समाज में हैं जो सरकारों को दिखाई नहीं दे रहा है। प्रदेश के 90% से अधिक वित्तविहीन विद्यालय आज भी ऐसे हैं जो सम्पूर्ण फीस का कलेक्शन अपने शिक्षकों में वितरित करना चाहें तब भी उनको जीविकोपार्जन भर का मासिक मानदेय उपलब्ध नहीं करा सकते। फिर जब विद्यालय बन्द, छात्र बन्द, शिक्षक एवं शिक्षणकार्य बन्द है तो क्या पेट की भूख भी बन्द हो जाएगी? कदापि नहीं।
अतः प्रदेश के सभी माननीयों (सांसद, विधायक, सदस्य विधान परिषद, सदस्य राज्यसभा), सत्ता पक्ष या जागरूक विपक्ष से अनुरोध है कि माननीय प्रधानमंत्री जी एवं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को अवगत करायें कि अन्य की भांति हमारे शिक्षक भी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की साइट पर पंजीकृत हैं तो क्या उनके जीविकोपार्जन की व्यवस्था नहीं हो सकती? यदि नहीं हो सकती तो वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है।
अतः माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा उ.प्र. महामारी के समय लाकडाउन का समर्थन करते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार से मांग करती है कि भुखमरी से बचाने हेतु उत्तर प्रदेश के लगभग साढ़े तीन लाख माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के हित में अविलम्ब निर्णय लें।
साथ ही प्रबन्धक साथियों से निवेदन है कि वह परिवार के मुखिया की तरह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से अवश्य करें। धन्यवाद!
रेनू मिश्रा
( प्रदेश अध्यक्ष )महिला प्रकोष्ठ
माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश।
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