दुष्कर्म और अगवा करने के 7 आरोपियों को त्वरित न्यायालय ने बाइज्जत बरी किया

सेहरामऊ उत्तरी के 11 साल पुराने मुकदमे में फास्टट्रेक कोर्ट ने सुनाया फैसला

पीलीभीत 29 मई 2024 अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय महिला संरक्षण छाया शर्मा ने साक्ष्य के अभाव में 11 वर्ष पुराने दुष्कर्म एवं अपहरण के मामले में 7 आरोपियोंको उन के ऊपर लगाए गए आरोपो से दोषमुक्त कर दिया गया है।
अभियोजन कथानक के अनुसार घटना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र में 11 दिसम्बर 2013 को रात के करीब दो बजे की बताई गई है । पुलिस में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के घर का दरबाजा खटखटाया गया । दरबाजा खोलने पर आरोपियों ने पीड़िता को तमंचे के नोक पर चार पहिया वाहन में बैठाकर व्यहपरण कर लिया। पीड़ित को दस दिन तक देहरादून में उसकी मर्जी के विरुद्ध रखा गया और दुष्कर्म किया गया ।आरोप है कि पीड़िता के शरीर से झुमकी व पायल आदि भी लूट लिये गये। पीड़िता बाद में आरोपियों से छूटकर आ गयी थी ।
विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी आदर्श कुमार ,मनोज कुमार, मुन्ना लाल के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था । मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने इस मामले में सुमित ,रामनाथ ,शैलेन्द्र ,आदेश को आरोपियों के रूप में न्यायालय में तलब किया। सभी सात आरोपियों का विचारण न्यायालय में हुआ।
अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता सहित कुल 8 गवाहों के बयान अंकित कराए गए।
मामले की सुनवाई त्वरित न्यायालय महिला संरक्षण अपर सत्र न्यायाधीश छाया शर्मा के न्यायालय में हुई। मामले के पक्षो ने अपने समर्थन में तर्कप्रस्तुत किये। न्यायालय ने पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर लगाये गये आरोपो को संदेह के परे साबित करने में असमर्थ रहा। साक्ष्य केअभाव में न्यायालय ने आदर्श ,आदेश ,मनोज कुमार ,रामनाथ ,शैलेन्द्र, सुमित ,मुन्नालाल को दोषमुक्त कर दिया ।आरोपीगण रामनाथ, सुमित, शैलेन्द्र ,मुन्नालाल की ओर से वचाव पक्ष की पैरवी कर रहे अधिवक्ता अशोक बाजपेयी ने न्यायालय के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है।

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