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सिपाही कमरे पर मनाता रहा पार्टी और चौकी से रफूचक्कर हो गया कथित चोर

घुंघचाई। चोरियों के मामले को पुलिस कितने हल्के में लेती है। ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए आरोपी को चौकी लाया गया लेकिन निगरानी पर तैनात कांस्टेबल दोस्तों के साथ पार्टी करने लगा और मौका पाकर चोरी का आरोपित चौकी से भाग गया। ग्रामीणों ने उसे पकड़ने का प्रयास भी किया लेकिन रात होने के कारण गन्ने में छुप जाने के कारण उसे पकड़ा नहीं जा सका है। जिसको लेकर के निगरानी करने वाले सिपाही पर लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं। पहले भी कई घटनाक्रमों में अपनी ड्यूटी के सिपाही की सजगता को लेकर लोग प्रसन्न चिन्ह लगा चुके हैं। चौकी क्षेत्र के गांव चंदोखा में बीते माह की 26 तारीख को रात के समय घर में घुसकर राजेश कुमार वर्मा पुत्र सीताराम के घर से 15 हजार की नगदी और मोबाइल सहित जरूरी सामान चोरी कर लिया गया था जिसकी पुलिस को तहरीर दी गई थी लेकिन उस मामले में मुकदमा पंजीकृत नहीं हो सका। इसको लेकर के ग्रामीण खुद सजग हुए और आरोपित को एक गन्ने के खेत से बुधवार को पकड़ लिया  जिसके पास एक बाइक थी जिसमें चोरी की वारदात को स्वीकार किया। ग्रामीण उसे  पुलिस चौकी में लेकर के गए।
इसी दौरान चौकी प्रभारी को एक अन्य मामले में पुलिस टीम के साथ जाना पड़ा ।निगरानी पर रहे एक कांस्टेबल ने अपने कर्तव्य को ताक पर रखकर दोस्तों के साथ अपने रूम पर पार्टी की। इसी दौरान आरोपित पुलिस को चकमा देकर मौके से भाग गया। बताते हैं कि जो लोग इसे पकड़ कर लाए थे उन लोगों ने उसे फिर पकड़ने का प्रयास किया लेकिन वह देर शाम होने के कारण गन्ने के खेत में घुस गया और लोगों को नहीं मिल पाया। आरोपित और उसके पास मौजूद

बाइक को लेकर चौकी पहुंचे थे जो उसकी नहीं बताई जा रही है। संभवत उसे चोरी का ही होना बताया जा रहा है जो चौकी में मौजूद है। ग्रामीणों का आरोप है कि निगरानी करने वाले कांस्टेबल द्वारा अपने काम पर ध्यान नहीं दिया गया और ऐसे कई आरोप पहले भी सिपाही पर लग चुके हैं लेकिन कार्रवाई ना होने के कारण सिपाही अपने कर्तव्यों को सही से नहीं समझ पा रहा है। चौकी प्रभारी विशेष कुमार ने बताया ग्रामीण एक चोर को लाए तो थे चौकी में तहरीर मुझे नहीं मिली थी यहां मुकदमा लिखा भी नहीं आता है। चोर ने चोरी करना स्वीकार किया है जैसा ग्रामीण बता रहे हैं। अगर सिपाही की गलती है तो इस मामले में विभागीय अधिकारियों को अवगत करा कर कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी

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