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भारत में दिखाई नहीं देगा कल का चंद्रग्रहण

धर्म कर्म ।।भारतीय ज्योतिष में ग्रहण का अपना एक विशेष महत्व है । ग्रहण के अनेक प्रकार होते हैं उसमें से एक प्रकार है उपच्छाया ग्रहण।
यह उपच्छाया चन्द्रग्रहण इस वर्ष 5 जुलाई 2020 को (आषाढ पूर्णिमा) रात्रि में पड़ रहा है । क्या इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी पर कुछ पड़ेगा? यह उपच्छाया चंद्रग्रहण क्या है? इसका भारतीय ज्योतिष शास्त्र में क्या महत्व है?किस प्रकार से उपच्छाया ग्रहण का निर्माण होता है? इसकी सिद्धांतीय विवेचना क्या है? तथा क्या इसका कोई दुष्प्रभाव राशियों पर पड़ेगा या नहीं? * भारतीय पुराणों, स्मृतियों, ज्योतिषीय सिध्दान्तों के द्वारा तार्किक विचारों को हम सभी के समक्ष उपस्थापित कर रहे हैं और लोकलुभावन जो प्रलोभन है। राशियों से यह करोड़पति बनने वाले जो सपने यूट्यूब पर दिखाए जा रहे हैं तथा सूतक काल इत्यादि का निर्धारित किया जा रहा है । इस सभी दुष्प्रचारो एवं भ्रांतियों से बचें और भारतीय मनीषा के सिद्धांतों को समझ कर अपने सनातन धर्म पर गर्व महसूस करें । कल भारत में चंद्र ग्रहण का प्रभाव नहीं रहेगा ना ही कोई सूतक मनाई जाएगी सभी धर्मा अनुरागी गुरु भक्त अपनी परंपरा के अनुसार गुरु पूजन का पर्व गुरु पूर्णिमा हर्षोल्लास के साथ सामाजिक दूरी को रखते हुए मनाएंगे।।गजमुखबटुकाढय्यां पार्वतीं शर्वंयुक्ताम ।। गुरु वरचरणावब्जे सर्व सिद्धि प्रदे।

पंडित अनिल शास्त्री पुजारी शिव शक्ति धाम

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